ग्राम न्यायालयों की स्थापना के प्रस्ताव के खिलाफ हैं अधिवक्ता
शनिवार को पूर्वांचल के सभी जिलों के बार पदाधिकारियों की बैठक में संघर्ष समिति का किया जाएगा गठन
आजमगढ़। दीवानी न्यायालय अभिभाषक संघ के बैनर तले शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने शहर के चर्च चैराहे पर चक्का जाम कर दिया। अधिवक्ताओं ने ग्राम न्यायालयों की स्थापना के प्रस्ताव को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। शनिवार को पूर्वांचल के सभी जिलों के बार के पदाधिकारियों की बैठक आजमगढ़ में आयोजित हुई है। बैठक में संघर्ष समिति का गठन किया जाएगा। अधिवक्ताओं ने इससे पूर्व बार की बैठक में ग्राम न्यायालयों की स्थापना का विरोध करते हुए सम्बन्धित अधिनियम को वापस लेने की मांग की।
बार के अध्यक्ष रामप्यारे सिंह ने कहा कि ग्रामीण न्यायालय को तहसील स्तर पर स्थापना करने का प्रस्ताव निंदनीय है। उन्होंने कहा कि तहसीलों पर न तो मजिस्ट्रेट के बैठने की व्यवस्था है और न ही कर्मचारियों और अधिवक्ताओं की बैठने की व्यवस्था है। इसके अलावा वहां लॉकअप, शौचालय भी नहीं है। उन्होंने अधिवक्ताओं और न्यायिक अधिकारियों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि तहसील आने जाने में उन पर हमले भी हो सकते हैं और सड़क हादसे के शिकार हो सकते हैं। तहसील स्तर पर न्यायालय बनाने से भ्रष्टाचार पनपेगा का आरोप लगाते हुए कहा कि यह जनहित के खिलाफ है, फरियादियों की सुरक्षा जबरदस्त खतरे में रहेगी। तहसील न्यायालयों में स्थानीय दबंग हावी रहेंगे और अपने मनमाना तरीके से काम करेंगे, गुणवत्तापूर्ण पैरवी भी नहीं हो पाएगी। इसलिए मंडल मुख्यालय पर ही सभी न्यायालय को संचालित रहने देना चाहिए।