मुख्तार, अफजाल की मदद करने में फंसी आईएएस की गर्दन
By -Youth India Times
Tuesday, March 23, 2021
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आईएएस रामविलास यादव भी दोषी, एलडीए ने कार्रवाई के लिए भेजी रिपोर्ट लखनऊ। सरकारी जमीन पर बाहुबली मुख्तार अंसारी तथा अफजाल अंसारी का नक्शा पास करने के मामले में उत्तराखंड में तैनात आईएएस रामविलास यादव को भी दोषी बताया गया है। रामविलास यादव एलडीए में 2007 में सचिव के पद पर तैनात थे। इनके साथ कई और अधिकारियों व इंजीनियरों को दोषी बताया गया है। सोमवार को शासन व एलडीए में दिन भर इस मामले को लेकर काफी हलचल रही। लखनऊ विकास प्राधिकरण ने दोपहर में दोषी इंजीनियरों व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की रिपोर्ट फिर से शासन को भेज दी है। एलडीए में भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए गए 50 इंजीनियरों व अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न होने की खबर प्रकाशित होने के बाद शासन ने इस मामले को काफी गंभीरता से लिया है। प्रमुख सचिव आवास ने दोपहर में अधिकारियों को तत्काल दोषी अधिकारियों की रिपोर्ट भेजने को कहा। हालांकि एलडीए पहले ही इस मामले में शासन को रिपोर्ट भेज चुका है। कार्रवाई शासन के स्तर पर ही रुकी हुई है। शासन के निर्देश के बाद सोमवार को दोबारा रिपोर्ट भेजी गई। कहा जा रहा कि जल्दी ही इस मामले में कई अधिकारियों व इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई होगी। अफजाल मुख्तार अंसारी के मकान का नक्शा सरकारी जमीन पर पास करने के मामले में भी रिपोर्ट मांगी गई। इसमें एलडीए के तत्कालीन सचिव रामविलास यादव को भी दोषी ठहराया गया है। रामविलास यादव मौजूदा समय में उत्तराखंड में तैनात है। एलडीए उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश ने 19 फरवरी को भी उनके खिलाफ कार्यवाही के लिए शासन को रिपोर्ट भेजी थी। उपाध्यक्ष ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि 1 फरवरी 2007 को रामविलास यादव ने अफजाल अंसारी की पत्नी फरहत अंसारी के भवन मानचित्र की स्वीकृति दी। जिसके लिए वह उत्तरदायी हैं। उपाध्यक्ष ने लिखा है कि उन्होंने शमन मानचित्र स्वीकृति से पहले निष्क्रांति संपत्ति होने की अनापत्ति नहीं ली। अफजाल की पत्नी फरहत अंसारी के मकान का नक्शा पास करने के मामले में एलडीए के तत्कालीन अधिशासी अभियंता, प्रवर्तन सेल के प्रभारी व वर्तमान में नगर विकास विकास में मुख्य अभियंता मनीष कुमार सिंह, अवर अभियंता एस भावल, जीएस वर्मा तथा सहायक अभियंता अनूप शर्मा भी दोषी मिले हैं। इनके खिलाफ भी कार्रवाई की संस्तुति की गई है। मुख्तार अंसारी की बिल्डिंग जिस जमीन पर बनी थी वह राबिया बेगम के नाम थी। इस का नक्शा भी पास किया गया था लेकिन मानचित्र शुल्क नहीं जमा किया। एनओसी भी नहीं जमा की। जिसके चलते इनका मानचित्र 16 जुलाई 2020 को निरस्त कर दिया गया था। 27 अगस्त को इसे ध्वस्त कर दिया गया। इस मामले में तत्कालीन अधिशासी अभियंता राहुल श्रीवास्तव, आर के शर्मा, आरके अवस्थी को जिम्मेदार बताया गया है। तत्कालीन अपर सचिव भी मामले में जिम्मेदार हैं। चारबाग होटल अग्निकांड में तत्कालीन अधिशासी अभियंता डीसी यादव, अधिशासी अभियंता मामचंद, अधिशासी अभियंता प्रदीप कुमार, सहायक अभियंता राजेंद्र कुमार, सहायक अभियंता अजीत कुमार, अवर अभियंता जनार्दन सिंह, अवर अभियंता गजराज सिंह, अवर अभियंता पीके वर्मा, अवर अभियंता अब्दुल रउफ, अवर अभियंता शिव शंकर सिंह, अवर अभियंता अनिल कुमार द्वितीय, लाल जी शुक्ला, धनीराम, पीएन पांडेय, सतीश चंद्र तथा अवर अभियंता मोहन चंद्र सती दोषी पाए गए। इनमें से कुछ इंजीनियर रिटायर हो चुके हैं तो एक-दो का निधन भी हो चुका है।