आजमगढ़: बाटला काण्ड में दोषी आरिज इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के दौरान देश विरोधी गतिविधियों में हुआ संलिप्त
By -Youth India Times
Wednesday, March 10, 2021
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आजमगढ़। बाटला एनकाउंटर समेत लखनऊ व अन्य कई बड़े शहरों में हुए बम धमकों में आरोपित आरिज उर्फ जुनैद पर सोमवार को न्यायालय का फैसला आ गया। फैसले में दोष सिद्ध किए जाने के बाद उसके गांव और शहर में स्थित घरों पर सन्नाटा पसर गया। परिवार के लोग कुछ भी बोलने से जहां इंकार कर रहे है। आरिज उर्फ जुनैद मूल रूप से आजमगढ़ जिले के बिलरियागंज थाना क्षेत्र के नसीरपुर गांव का निवासी है। शहर के कोट-बाजबहादुर मोहल्ले में भी उसका एक घर है जहां उसके एक चाचा परिवार के साथ रहते है। 2008 में दिल्ली में हुए बाटला एनकाउंटर में इसका नाम सामने आया था। आरिज का परिवार काफी पढ़ा लिखा व शिक्षित है। पिता जफरे आलम की 2009 में मौत हो चुकी है तो वहीं एक चाचा बदरे आलम जहां आईएएस रह चुके हैं तो दूसरे चाचा डॉ. फकरे आलम परिवार के साथ कोट/बाजबहादुर मोहल्ले में स्थित आवास पर रहते हैं और गांव नसीरपुर में अपनी डिस्पेंसरी चलाते है। चाचा की इसी डिस्पेंसरी पर आरिज का भाई साबिज भी रहता है। वहीं एक अन्य भाई शारिक दिल्ली में प्राइेवट नौकरी करता है। 2018 में आरिज की नेपाल बार्डर से गिरफ्तारी के बाद से ही परिजनों ने उसके मुद्दे पर चुप्पी साध रखी है। शहर से लेकर नसीरपुर गांव स्थित घर पर पूरी तरह से खामोशी छा गई है। सुबह से ही परिवार के लोग कोर्ट के फैसले पर नजर रखे हुए थे। दोपहर बाद कोर्ट द्वारा आरिज उर्फ जुनैद को इंस्पेक्टर मोहन चंद्र शर्मा व अन्य पुलिस कर्मियों पर फायर कर फरार होने के मामले में दोषी करार दिया गया। 2008 में हुए बाटला कांड के बाद से ही आरिज उर्फ जुनैद फरार चल रहा था। 2018 में उसे नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के पूर्व उस पर 15 लाख का इनाम भी घोषित था। आरिज की मां भी शहर के बाजबहादुर मोहल्ला स्थित आवास पर रहती है। बटला कांड के बाद चर्चा में आया आरिज उर्फ जुनैद शुरू से ही काफी होशियार था। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के दौरान उसका संपर्क कुछ ऐसे लोगों से हो गई, जो देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे। इसके बाद से ही जिले का एक होनहार युवा ऐसा फिसला की आज जेल की सलाखों के पीछे है और कई बम विस्फोटों के साथ ही बाटला कांड में मारे गए इंस्पेक्टर मोहन चंद शर्मा पर फायर करने का आरोपी भी है। न्यायालय ने तो अब इस पर दोष सिद्ध कर दिया है और 15 मार्च को पूरा फैसला आ जाएगा।