एटा। जिला पंचायत चुनाव की मतगणना में गडबड़ी शिकायत कर भाजपा के विधायक सहित तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए। आरोप है कि वार्ड संख्या 10 के मतों में हेराफेरी की गई है। डीएम के आदेश पर रीचेकिंग में 6 बूथ ऐसे निकले, जिनके मत शामिल नहीं किए गए थे। इनकी मतगणना के बाद भाजपा प्रत्याशी को जीता घोषित कर दिया गया। बुधवार दोपहर को जिला पंचायत का चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों को प्रमाण पत्र बांटे जा रहे थे। इसमें वार्ड संख्या 10 के भाजपा समर्थित प्रत्याशी गजेंद्र सिंह अपने समर्थकों के साथ सीडीओ अजय प्रकाश के पास पहुंच गए। वह अपना प्रमाण पत्र मांग रहे थे। लिस्ट देखने के बाद सीडीओ ने बताया कि वार्ड 10 से विजयी प्रत्याशी साधना को प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया है। गजेंद्र पाल सिंह धनगर ने आरोप लगाया कि मतगणना में हमारे पक्ष में वोट बताए गए। इस हिसाब से हम चुनाव जीते हैं। ऐसे में सपा समर्थित प्रत्याशी साधना को प्रमाण पत्र केसे दे दिया गया। उन्होंने बताया कि हमें मतगणना के बाद 7213 मत मिले थे, जबकि साधना के 5713 वोट मिले थे। गजेंद्र वहीं शोर मचाने लगे। शोर शराबा सुन अपने कक्ष में बैठी डीएम डॉ. विभा चहल भी पहुंच गईं। उनसे से काफी देर तक बहस हुई। उन्होंने एआरओ को फिर से चेक करने के आदेश दिए। इस मामले की जानकारी भाजपा के जिलाध्यक्ष सहित अन्य पदाधिकारियों को दी गई। इसमें जिला प्रभारी एमएलसी धर्मवीर प्रजापति, जिलाध्यक्ष संदीप जैन, अलीगंज विधायक सत्यपाल सिंह राठौर, मारहरा विधायक वीरेंद्र वर्मा, जिला संयोजक पंचायत चुनाव पंकज गुप्ता, पंकज चैहान, सुशील गुप्ता सहित तमाम पदाधिकारी और कार्यकर्ता कलक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठ गए। सत्ता पक्ष के लोगों के धरने पर बैठने की खबर मिलते ही डीएम डॉ. विभा चहल, एसएसपी उदय शंकर सिंह सहित तमाम अधिकारी पहुंच गए। जिलाधिकारी डॉ. विभा चहल के आदेश पर देर रात वोटों और चार्ट की रीचेकिंग की गई। इसमें पता चला कि 6 बूथों के वोट गिनती में शामिल नहीं किए थे। रीचेकिंग में ये पकड़ में आया। इसमें भाजपा का प्रत्याशी गजेंद्र सिंह विजयी घोषित किया गया।