आजमगढ़: महिला के शव को खा गए चूहे-चीटियां

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आजमगढ़, 05 मई। जिला अस्पताल परिसर स्थित मोर्चरी हाऊस में चार दिन से पड़े महिला के शव का बुधवार को चूहा और चीटियों के खाने के बाद पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद शव का लावारिस लाश के रूप में अंतिम संस्कार भी करा दिया। मोर्चरी के शवकक्ष में चार दिन तक लाश पड़ी रही और किसी भी अधिकारी-कर्मचारी ने अपनी जिम्मेदारी को निभाना जरूरी नहीं समझा। कक्ष से दुर्गंध उठने पर कई दिनों से शव पड़ा होने की जानकारी हुई। उसके बाद बुधवार को शव का पोस्टमार्टम कराने के बाद लावारिस के रूप में अंतिम संस्कार भी करा दिया। जानकारी के अनुसार, 29 अप्रैल को बिलरियागंज क्षेत्र में एक महिला घायल अवस्था में सड़क पर पड़ी हुई थी। सूचना पर 108 एंबुलेंस कर्मियों ने उसे लाकर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। महिला की पहचान नहीं हो सकी थी और अज्ञात के रूप में ही वह भर्ती कराई गई थी। अगले ही दिन सुबह महिला की जिला अस्पताल में मौत हो गई। घटना के बारे में पुलिस को सूचना दी गई और अस्पताल स्टाफ ने शव को मोर्चरी के बाहर स्थित शव कक्ष में रखवा दिया। इसके बाद न तो पुलिस महकमे ने अपनी जिम्मेदारी निभाई, न ही स्वास्थ्य विभाग ने इस लावारिस शव की ओर ध्यान दिया। चार दिनों तक महिला की लाश शवकक्ष में पड़ी रही।
मंगलवार को कक्ष से दुर्गंध उठने लगी तो लोगों ने तहकीकात शुरू की तो शवकक्ष में एक लाश पड़ी मिली। जिस पर चीटियां रेंग रही थी। अधिकारियों से पूछताछ शुरू हुई तो बुधवार को पुलिस महकमे के साथ ही स्वास्थ्य विभाग जागा और शव का पोस्टमार्टम कराया। मृतका की लाश के साथ यह खिलवाड़ क्यों हुआ और किसकी लापरवाही से हुआ यह तो जांच का विषय है, लेकिन निश्चित तौर पर यह एक बड़ी लापरवाही है। जिला अस्पताल परिसर स्थित मर्चरी हाऊस सीएमओ के अंतर्गत आता है। इस मोर्चरी में शव रखने के लिए कई बड़े फ्रीजर चार साल पूर्व आए हुए हैं लेकिन कुछ सामानों के आभाव में उसे अब तक चालू नहीं कराया जा सका है। अगर वो फ्रीजर चालू हो गए होते तो शायद यह नौबत नहीं आती। न तो शव को जानवर नुकसान पहुंचाते न ही लाश से दुर्गंध उठनी शुरू होती। महकमा चार साल में फ्रीजर को चालू नहीं करा सका है। वह धूल फांकते हुए कबाड़ होने के कगार पर पहुंच चुके हैं। सीएमओ एके मिश्रा ने बताया कि जिला अस्पताल में महिला की मौत हुई। वह लावारिस थी और अस्पताल प्रशासन ने शिनाख्त व पोस्टमार्टम के लिए पुलिस को सूचना भी दे दी। इसके बाद पुलिस शव का पंचनामा कर बॉडी हमें सौंपी होती तो हम उसका पोस्टमार्टम करा कर लाश को फिर से संस्कार के लिए उन्हें सौंप देते। बुधवार को पुलिस ने बॉडी का पंचनामा कर हमें सौंपा और हमने उसका पोस्टमार्टम करा कराया। जो भी लापरवाही हुई है वह पुलिस के स्तर से ही हुई है। जानवरों द्वारा शव को क्षति पहुंचाने की बात गलत है। कुछ चीटियां जरूर शव पर रेंग रही थी। फ्रीजर चालू कराने के लिए जरूरी संसाधन की शासन से डिमांड की गई है।

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