बाजार से ज्यादा दाम पर फर्मों से सामान की हुई खरीदारी ई-टेंडर, टेंडर, कोटेशन प्रक्रिया के मानकों की जमकर उड़ाई गईं धज्जियां कौशांबी। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की कॉन्ट्रैक्ट ऑडिटर की रिपोर्ट में सीएमओ कार्यालय, सीएचसी व पीएचसी में एक करोड़ 60 लाख रुपये की धांधली हुई है। बाजार से ज्यादा दाम पर फर्मों से सामान की खरीदारी हुई है। इस रिपोर्ट को एनएचएम की मिशन निदेशक ने गंभीरता से लिया है। पूरे मामले की जांच बैठा दी गई है। इससे महकमे में हड़कंप मचा हुआ है। वर्ष 2019-20 में सीएमओ कार्यालय, सीएचसी व पीएचसी में खरीदारी के नाम पर जमकर धांधली हुई। ई-टेंडर, टेंडर, कोटेशन प्रक्रिया के मानकों की धज्जियां उड़ाई गईं और चहेते फर्म के मालिकों को लाभ दिया गया। कॉन्ट्रैक्ट ऑडिटर ने जांच के बाद अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय को भेजी। रिपोर्ट के मुताबिक कौशाम्बी में एक करोड़ 60 लाख रुपये का घोटाला हुआ है। मैन पॉवर सप्लाई का टेंडर नहीं किया गया है। मेसर्स शिवम इंटरप्राइजेज का नवीनीकरण कर लोगों को तैनात किया गया। न्यूनतम मजदूरी दर की तुलना में कम मजदूरी भी दी जा रही है। इसके अलावा आरबीएसके, मॉनीटरिंग एवं इवैल्यूएशन प्रोग्राम के तहत वाहनों को अधिग्रहीत करने में भी नियमों की अनदेखी की गई। किसी भी वाहन का आरसी, बीमा, फिटेनश प्रमाण पत्र रिकार्ड में नहीं मिला। इसके अलावा 18 फर्मों से एक करोड़ 34 लाख 63 हजार 151 रुपये की खरीदारी करवाई गई। इन फर्मों ने बाजार रेट से ज्यादा दाम पर स्वास्थ्य विभाग को सामान दिया। इसी तरह 17 फर्मों से 25 लाख 65 हजार 908 रुपये की खरीदारी करवाई गई। टेंडर व खरीदारी की आडिट भी नहीं करवाई गई है। इस मामले को मिशन निदेशक ने गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू करा दी है। ये बड़ी गड़बड़ियां हुईं उजागर-सीएमओ दफ्तर ने निविदा प्रक्रिया के माध्यम से फर्म के चयन में कई त्रुटियां कीं। सीएमओ दफ्तर से बगैर निविदा के विभिन्न फर्मों को 1,34,63,151 रुपये का अनियमित भुगतान किया गया। दस लाख से अधिक के टेंडरों की प्रक्रिया एवं वैधता का समवर्ती लेखा से परीक्षण करवाकर ही क्रय आदेश जारी करने के शासन के निर्देश का पालन नहीं किया गया। सीएचसी, पीएचसी की ओर से विभिन्न मदों में किया गया 25,65,216 रुपये का भुगतान संदिग्ध पाया गया है।