अयोध्या में भाजपा मेयर के भतीजे का कारनामा

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20 लाख में खरीदी जमीन राम जनभूमि ट्रस्ट को 2.5 करोड़ में बेची
संजय सिंह ने पेश किये नए दस्तावेज कहा-फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर राम मंदिर के नाम पर हुई भूमि खरीद में धांधली की हो सुनवाई
लखनऊ। आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रभारी एवं राज्यसभा सांसद संजय सिंह कहा कि डेढ़ साल बाद भी प्रभु श्रीराम के मंदिर का निर्माण कार्य गति नहीं पकड़ पाया है तो इसकी वजह भाजपा नेताओं की चंदा चोरी है। भाजपा के मेयर ऋषिकेश उपाध्याय, उनके भतीजे और आरोपों में घिरे ट्रस्ट के पदाधिकारियों के खाते की जांच करा ली जाए तो यह साबित हो जाएगा। संजय सिंह ने आरोप लगाया कि मेयर के भतीजे ने 20 फरवरी को एक जमीन 20 लाख की खरीदी और 11 मई को वही जमीन राम जनभूमि ट्रस्ट को 2.5 करोड़ में बेच दी।
वह शनिवार को यहां पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाकर राम मंदिर के नाम पर हुई भूमि खरीद में धांधली की सुनवाई हो और चंदा चोरों को जेल भेजा जाए। साथ ही दो करोड़ की जमीन 18.50 करोड़ रुपये में खरीदने के मामले में छह दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं होने पर अफसोस जताया। नए दस्तावेज सामने लाते हुए सांसद ने बताया कि अयोध्या के कोट रामचंदर में 14 लाख 80 हजार के मालियत की जमीन जगदीश प्रसाद को महंत देवेंद्र प्रसाद से 10 लाख रुपये में मिल जाती है, मेयर के भतीजे दीप नारायण को इसी इलाके में 35 लाख 60 हजार की जमीन 20 लाख रुपये मिल जाती है और श्री रामजन्म भूमि ट्रस्ट को एक करोड़ 60 लाख की जमीन चार करोड़ में मिलती है। इस पूरे ‘खेल’ में भाजपा के मेयर और उनके भतीजे का नाम भी सामने आ रहा है। 
उन्होंने कहा कि जमीन खरीद का मामला उठाने के बाद भाजपा नेताओं ने मुझ पर राजनीति करने का आरोप लगाया। रामलला के मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास, रामलला के पैरोकार रहे महंत धर्मदास और जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती भी मामले की ईडी और सीबीआई से जांच कराने की मांग कर चुके हैं। भाजपा बताए क्या ये धर्मगुरु भी राजनीति कर रहे हैं?

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