आजमगढ़: दहेज के लिए विवाहिता को मारपीट कर घर से निकाला
By -Youth India Times
Sunday, June 13, 2021
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समझौता कराने गए परिजनों को घर में कैद कर लाठी-डंडे से पीटा दहेज की मांग पूरी न करने पर दी विवाहिता की हत्या करने की धमकी -नरेन्द्र नाथ पाण्डेय आजमगढ़। अतरौलिया थाना क्षेत्र के जमीन नंदना गांव निवासी अनिल ने आरोप लगाया कि उसकी विवाहित बहन सविता को कम दहेज मिलने के कारण आए दिन मारा पीटा जाता था जिसकी सुलह समझौता कराने पहुंचे परिजनों को भी कमरे में बंद कर बेरहमी से पीटा गया। प्रार्थी की तहरीर के अनुसार इंदौरपुर थाना राजेसुलतानपुर, अम्बेडकर नगर निवासिनी रामनेवास की पुत्री सविता की शादी लगभग 5 वर्ष पूर्व थाना क्षेत्र के जमीन नंदना निवासी सचिन गौड़ पुत्र विजयी गौड़ के साथ हिंदू रीति रिवाज के अनुसार बड़े ही धूमधाम से हुई थी। लड़की वालों ने अपने सामथ्र्य के अनुसार दान दहेज भी दिया था। इन्ही 5 वर्षो में दो लड़का भी पैदा हुआ, लेकिन विवाहिता सविता जब से अपनी ससुराल जमीन नंदना गई तब से ही उसके ससुर विजई, सास भानमती, जितेंद्र, धर्मेंद्र पुत्र स्व0 कृपाल गौड़ तथा नितिन पुत्र मिथुन दहेज के लिए आए दिन उसे प्रताड़ित करने लगे। इसी बीच 12 जून को घर के सभी सदस्य एकजुट होकर सविता को मारा-पीटा तथा उसे घर से बाहर कर दिया। जब इसकी सूचना मायके वालों को हुई तो पीड़िता का भाई अंकित मामले को सुलझाने के लिए अपनी बहन के घर पहुंचा। ससुराल वाले उसे भी बुरी तरह से मारपीट कर जख्मी कर दिया। जख्मी भाई अंकित ने इस बात की सूचना नजदीक ही पंडोली निवासी अपने मामा राधेश्याम को दी और उन्हें मौके पर बुलाया। पहले से ही तैयार लड़के पक्ष के लोग उन्हें भी लगे लाठी डंडे से मार कर घायल कर दिया। इतना ही नहीं लड़की के ससुराल वालों लड़की के भाई अंकित की मोटरसाइकिल भी तोड़ फोड़ दी और उसे धमकी देते हुए कहा कि यदि तुम्हारी बहन को यहां रहना है तो एक लाख नगद तथा एक सोने की चेन, कलर टीवी लाओ, तभी रखेंगे उसके बगैर यहां रहने भी नहीं देंगे। अगर ऐसा नही हुआ तो उसकी हत्या भी कर देंगे। घटना के संबंध में प्रार्थी के भाई अनिल ने अतरौलिया थाने में तहरीर देकर न्याय की गुहार लगाई। प्रार्थना पत्र की जांच कर रहे सब इंस्पेक्टर जितेंद्र सिंह ने बताया कि पूर्व में दोनों पक्षों का पंचायत के सामने समझौता हो चुका है। जिसकी कॉपी दोनों पक्षों के पास मौजूद है। कुछ बातें रह गई है जो दोनों पक्ष कहना चाहते हैं, दोनों पक्ष को अपनी बात रखने के लिए सोमवार दोपहर को थाने पर बुलाया गया।