अखिलेश ने बगावत करने वाले दो नेताओं को किया पार्टी से बाहर
By -Youth India Times
Friday, June 18, 2021
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लखनऊ। पंचायत चुनाव को लेकर सपा में हलचल तेज हो गई है पार्टी बगावती तेवर दिखाने वालों को अब बाहर का रास्ता दिखा रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर बागपत के दो नेताओं को पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में छह साल के लिए निष्कासित कर दिया गया है। इनमें बागपत के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ओंकार यादव तथा इसी जिले के पूर्व जिलाध्यक्ष किरण पाल उर्फ बिल्लू प्रधान शामिल हैं। इस बीच पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की संस्तुति से मिर्जापुर के धीरेन्द्र सिंह को समाजवादी युवजन सभा की राज्य कार्यकारिणी में प्रदेश सचिव बनाया गया है। जबकि यशवीर सिंह व मोहम्मद रिजवान खान समाजवादी युवजन सभा की राज्य कार्यकारिणी में प्रदेश सदस्य नामित हुए हैं। कांग्रेस ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को ट्विटर का नेता करार दिया है। कांग्रेस के पिछड़ा वर्ग विभाग के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज यादव ने कहा है कि अखिलेश यादव संसद में सबसे कम सवाल पूछने वाले सांसद हैं। प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के हकों को लेकर उन्होंने आवाज नहीं उठाई। इन्हें अपने परिवार के अलावा किसी और से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने 69000 शिक्षक भर्ती में पिछड़े वर्ग का हक मारे जाने पर आवाज नहीं उठाई। पुलिस द्वारा फर्जी एनकाउंटर में इस समुदाय के लोगों को मारा गया, लेकिन अखिलेश यादव ने सदन में यह मुद्दा नहीं उठाया। वह केवल ट्विटर पर सवाल उठाने वाले नेता हैं। उन्होंने कहा कि सपा अपना वोटर खो रही है लेकिन परिवारवाद से ऊपर नहीं उठ पा रही है। यहां तक कि जहां पर वे चुनाव लड़कर जीतते आ रहे थे, वहां से इनके परिवार के लोग भी हार गए। राम गोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव, सपा प्रमुख की पत्नी डिंपल यादव, अखिलेश के चचेरे भाई धर्मेंद्र यादव तक चुनाव हार गए। इसके बाद भी ओबीसी के लिए आरक्षित सीट पर इटावा से मुलायम सिंह के नाती अंकुश यादव व हमीरपुर से धर्मेंद्र यादव के साले पुष्पेंद्र यादव की पत्नी बंदना यादव को टिकट दिया गया है।