डिप्टी सीएम बनने की अटकलों पर लगा विराम लखनऊ। पूर्व नौकरशाह अरविंद कुमार शर्मा को भाजपा ने प्रदेश उपाध्यक्ष नियुक्त किया है। वहीं, पार्टी ने संगठन विस्तार करते हुए महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष पद की प्रमुख दावेदार अर्चना मिश्रा को पार्टी की प्रदेश मंत्री नियुक्त किया है। वहीं, अमित वाल्मीकि को भी प्रदेश मंत्री नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने आज पार्टी के विभिन्न मोर्चों के प्रदेश अध्यक्षों की घोषणा की है। प्रांशुदत्त द्विवेदी (फर्रूखाबाद) को युवा मोर्चा, गीता शाक्य राज्यसभा सांसद (औरैया) को महिला मोर्चा, कामेश्वर सिंह (गोरखपुर) को किसान मोर्चा, नरेन्द्र कश्यप पूर्व सांसद (गाजियाबाद) को पिछड़ा वर्ग मोर्चा, कौशल किशोर सांसद को अनुसूचित जाति मोर्चा, संजय गोण्ड (गोरखपुर) को अनुसूचित जनजाति मोर्चा व कुंवर बासित अली (मेरठ) को अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष घोषित किया है। बता दें कि ए के शर्मा के एमएलसी बनने के बाद से ही उन्हें यूपी सरकार में डिप्टी सीएम व कैबिनेट में मंत्री बनने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे। उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद इन अटकलों को विराम लग गया है। बता दें कि शुक्रवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह व संगठन महामंत्री सुनील बंसल ने यूपी चुनाव को लेकर चर्चा की थी जिसके बाद संगठन विस्तार किया गया। बता दें कि जेपी नड्डा ने प्रदेश भाजपा को आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार और संगठन के बीच समन्वय का मंत्र दिया है। दिल्ली में नड्डा से प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और महामंत्री संगठन सुनील बंसल की बातचीत के बाद यूपी में विधानसभा चुनाव की प्रारंभिक रणनीति का खाका तैयार किया गया। हालांकि रणनीति का खुलासा नहीं किया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि सामाजिक सरोकारों के साथ निगमों, बोर्डों, आयोगों, संगठन के मोर्चों, प्रकोष्ठों और विभागों में कार्यकर्ताओं के समायोजन के साथ पार्टी जुलाई में पूरी तरह चुनावी मैदान में कूद जाएगी। राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष के यूपी प्रवास, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिल्ली दौरे और गृहमंत्री अमित शाह की यूपी के जमीनी कार्यकर्ताओं से बातचीत से मिले फीडबैक के आधार पर नड्डा ने स्वतंत्र देव सिंह और सुनील बंसल से बातचीत की। नड्डा ने पार्टी के अग्रिम मोर्चों, प्रकोष्ठों और विभागों में नियुक्तियां जल्द करने के साथ कार्यकर्ताओं की सुनवाई करने, सरकार के सामाजिक सरोकारों को कार्यकर्ताओं के जरिये जनता तक पहुंचाने, सहयोगी दलों से सामंजस्य बनाए रखने को कहा है।