सीएम योगी का जेपी नड्डा को कड़ा जवाब, कहा मैं आपका जूनियर नहीं

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प्रदेश को तीन हिस्सों में बांटे जाने के केंद्र के प्रस्ताव को योगी ने मानने से किया इनकार
अमित शाह की चाहत शर्मा को मिले यूपी में गृह मंत्रालय की कमान, योगी ने कहा नहीं
नई दिल्ली/लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का दो दिवसीय दिल्ली दौरा केंद्र व राज्य के बीच टकराव को सुलझाने में सफल नहीं हो पाया है। तमाम लीपापोती वाली खबरों के बीच जो सच है वह ये कि केंद्र व पार्टी कमान ने योगी की नहीं मानी और योगी ने केंद्र की पेशकश ठुकरा दी। योगी आदित्यनाथ के निकटतम सूत्र के मुताबिक केंद्र की तरफ से उन्हें उपराष्ट्रपति बनाने का प्रस्ताव दिया गया था। जिसे उन्होने सिरे से नकार दिया। उत्तर प्रदेश को तीन हिस्सों में बांटे जाने के केंद्र के प्रस्ताव को भी फिलहाल योगी ने मानने से इनकार कर दिया। योगी ने पीएम मोदी को सलाह दी कि यदि इस समय उत्तर प्रदेश का बंटवारा किया गया तो संदेश गलत जाएगा।
पीएम से वार्ता के दौरान योगी का मानना था कि विधानसभा चुनाव के बाद पूरी तैयारी से अलग राज्य बनाए जायें। योगी ने यह भी साफ किया है कि वह 20 जिलों वाले राज्य पूर्वांचल के मुख्यमंत्री किसी कीमत पर नहीं बनेंगे। पूर्वांचल राज्य बनाने के लिए पैसों की अधिक जरूरत पड़ेगी क्योंकि यह आर्थिक रूप से पिछड़ा इलाका है। योगी ने पीएम मोदी से कोविड राहत के लिए 2500 से 3000 करोड़ रूपये का विशेष अनुदान मांगा ताकि जनता के बीच अच्छा संदेश जाए। साथ ही केंद्र और योगी सरकार के संबंधों को लेकर चल रही अटकलों पर भी विराम लगे। इस पर केंद्र ने मौखिक रूप से स्वीकृति नहीं दी है। अंदरखाने की खबर है कि योगी के मोदी से संबंध ठीक हैं लेकिन अमित शाह व योगी के बीच कुछ मुद्दों को लेकर टकराव है। पूर्व आईएएस व अब एमएलसी अरविंद शर्मा भी केंद्र व योगी के बीच गले की फांस बन गए हैं। सूत्रों की माने तो अमित शाह चाहते थे कि शर्मा को यूपी में गृह मंत्रालय की कमान दी जाए, लेकिन योगी ने मना कर दिया।
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ योगी की मुलाकात में कुछ तल्खी की खबर है। नड्डा की बातचीत के तरीके से नाखुश योगी ने साफ मना कर दिया की वे उनके जूनियर नहीं है। उनका भी उतना ही कद है जितना नड्डा का। अनुप्रिया व निषाद को बुलाने पर एतराज मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल व निषाद पार्टी के अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद भी केंद्रीय गृहमंत्री शाह से उसी दिन मिले, जिस दिन योगी आदित्यनाथ मिले थे। इस बात से भी योगी बहुत नाराज हैं। योगी का कहना है कि इनको उसी दिन बुलाए जाने की क्या जरूरत थी? आगे पीछे भी बुलाया जा सकता था। दूसरी तरफ संघ ने योगी को भरोसा दिया है कि किसी भी कीमत पर उनके स्वाभिमान को ठेस नहीं पहुँचेगी।
टीम मोदी में इसी महीने फेरबदल पीएम मोदी, शाह व नड्डा की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्रीमंडल में फेरबदल की अटकलों को हवा मिलनी शुरू हो गई है। सूत्रों के मुताबिक असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, बिहार से सुशील मोदी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, बैजयंत पांडा को मंत्रीमंडल में शामिल किए जाने की चर्चा है। इसके अलावा जदयू सांसदों को भी शामिल किया जा सकता है। गौरतलब है कि पिछले एक साल से कोरोना महामारी के चलते मंत्रिमंडल विस्तार की स्थितियां नहीं बन पा रही हैं। फिलहाल मोदी मंत्रीमंडल में मौजूदा समय 21 कैबिनेट मंत्री व 9 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार सहित 29 राज्यमंत्री हैं।

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