प्रदेश में एक गांव ऐसा भी, तीन दिन बाद बकरों को वापस कर देती है पुलिस संतकबीरनगर। यूपी में एक ऐसा गांव है जहां बकरीद से पहले पूरे गांव के बकरे पुलिस उठाकर ले जाती है और बकरीद खत्म होने के तीन दिन बाद बकरों को दोबारा छोड़ दिया जाता है। बुधवार को देशभर में बकरीद का त्योहार मनाया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच नमाज पढ़ी गई, लेकिन यूपी के इस गांव में भारी मात्रा में इस दिन पुलिस फोर्स तैनात रही। हालांकि इससे पहले पुलिस यहां से सभी बकरों को उठाकर ले गई। इसे पीछे की वजह जब तलाशने की कोशिश की तो वह बेहद चैंकाने वाली निकली। मामला संतकबीरनगर जिले के गांव मुसहरा का है। देशभर में जहां एक ओर बकरीद के दिन बकरे की कुर्बानी दी गई तो यहां पर भारी पुलिस फोर्स के बीच बकरे ही गायब नजर आए। सुबह होते ही लोगों ने मस्जिदों में जाकर नमाज पढ़ी। इसके बाद एक-दूसरे को बकरीद की मुबारकबाद भी दी, लेकिन यहां पूरे गांव में बकरे की कुर्बानी नहीं दी गई। बकरे की कुर्बानी से पहले ही यहां से पुलिस सारे बकरों को उठाकर ले गई और एक कमरे में बंद कर दिया। दरअसल यह अब एक परंपरा जैसा बन गई है। 14 साल पहले मुसहरा गांव में वर्ष 2007 में कुर्बानी को लेकर के दो पक्षों में बवाल और आगजनी की घटना हुई थी। तब से सुरक्षा को लेकर प्रशासन काफी सतर्क रहता है। प्रशासन ने कुर्बानी पर रोक लगा दी है। एडीएम अजय कुमार त्रिपाठी व सीओ अम्बरीष सिंह भदौरिया तहसीलदार मेहदावल प्रियंका चैधरी गांव की हर गतिविधियों पर नजर लगाए हैं। गांव में भारी फोर्स तैनात है। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए गांव में 1 प्लाटून पीएसी। दो इन्सपेक्टर, पांच उपनिरीक्षक, 20 सिपाही, क्यूआरटी के जवान फायर ब्रिगेड सहित टीजी स्कावायड तैनात है। थानाध्यक्ष धर्मसिंहवा जीतेन्द्र कुमार यादव ने बताया कि पुलिस की मदद से ग्रामीणों ने बकरों को निकलवाकर गांव के ही एक मदरसे में पशु चिकित्सा अधिकारी हर्रैया डाक्टर एस के शर्मा की निगरानी में रखा गया है। पूरे गांव में ड्यूटी के लिए कुल 8 स्थान चिन्हित किया गया है।