इंस्पेक्टर रामनिवास यादव की हत्या में चल रहा हैं फरार, कोर्ट ने की कार्रवाई फर्रुखाबाद। बसपा नेता डॉ. अनुपम दुबे के फतेहगढ़ स्थित कसरट्टा मोहल्ले के आवास पर मंगलवार को जीआरपी ने कुर्की की कार्रवाई की। डॉ. दुबे मेरठ निवासी इंस्पेक्टर रामनिवास यादव की हत्या में नामजद हैं। पूरी कार्रवाई न्यायालय के आदेश पर हुई। 14 मई 1996 की शाम 7 बजे पैसेंजर ट्रेन में मेरठ के रहने वाले इंस्पेक्टर रामनिवास यादव की कानपुर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। विवेचना में कन्नौज का नेम कुमार उर्फ बिलइया, डॉ. अनुपम दुबे व मोहम्मदाबाद के कौशल दुबे के नाम प्रकाश में आए थे। इनमें बिलइया और कौशल दुबे की मौत हो चुकी है। अनुपम दुबे अपने परिवार के साथ फतेहगढ़ के कसरट्टा मोहल्ले में रहते हैं। 24 जुलाई 1996 में हत्या के मामले में तीनों आरेापितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। न्यायालय ने वर्ष 2003 में डॉ. दुबे के खिलाफ एनबीडब्ल्यू जारी किया था और वर्ष 2008 में 82/83 का आदेश दिया था लेकिन तब कार्रवाई नहीं हो पायी थी। डा. दुबे के हाजिर न होने पर कानपुर नगर के मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट ने फिर सात जुलाई को उनके खिलाफ एनबीडब्ल्यू व धारा 82/83 के तहत कुर्की वारंट जारी किया। इस आदेश पर मंगलवार को आगरा जीआरपी सीओ हरिश्चंद्र बड़ी पुलिस बल के साथ फतेहगढ़ स्थित डॉ. अनुपम के आवास पर पहुंचे। उनकी गैर मौजूदगी में पुलिस ने कार्रवाई की जानकारी घर वालों को दी और कुर्की की कार्रवाई शुरू की। सीओ ने बताया कि कुर्की की कार्रवाई बुधवार को भी जारी रहेगी। आवास पर पुलिस बैठा दी गई है।