15 दिनों के भीतर योगी मंत्रिमंडल का हो सकता है विस्तार
By -Youth India Times
Friday, August 20, 20212 minute read
0
बैठक में क्षेत्रीय, सामाजिक और जातीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए 5-7 मंत्री बनाये जाने की जताई गई जरूरत लखनऊ, 20 अगस्त। विधानसभा चुनाव की रणनीति बन चुकी है। गृहमंत्री अमित शाह के आवास पर करीब साढे तीन घंटे उत्तर प्रदेश को लेकर मंथन चला। क्षेत्रीय, सामाजिक और जातीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए 5-7 मंत्री बनाए जाने की जरूरत जताई गई। सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ अगले तीन दिनो में इस मुद्दे पर विस्तार से चर्चा होगी और फिर आखिरी मुहर के लिए केंद्र की सहमति ली जाएगी जिसके बाद मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख तय की जाएगी। अगले 15 दिनों के अंदर योगी मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है। रक्षा बंधन के अगले दिन लखनऊ में सरकार और संगठन की बैठक होगी, जिसमें मंत्रिमंडल के विस्तार के लिए संभावित मंत्रियों की सूची को अंतिम रूप दिया जा सकता है। अगस्त के आखिरी हफ्ते या सितम्बर के पहले हफ्ते में मंत्रिमंडल विस्तार सम्भव है। 5 से 7 नए मंत्री बनाए जाने की संभावना है। योगी मंत्रिमंडल में कुल मंत्रियो की संख्या 54 है जिसमें 23 कैबिनेट, 9 स्वतंत्र प्रभार और 22 राज्यमंत्री शामिल हैं। कैबिनेट में 6 मंत्री पद खाली हैं। विस्तार में ओबीसी, ब्राह्मण के साथ ही अन्य जातियों को साधने की कोशिश हो सकती है। 19 मार्च 2017 को सरकार गठन के बाद योगी सरकार ने 22 अगस्त 2019 को मंत्रिमंडल विस्तार किया था। उनके मंत्रिमंडल में 56 सदस्य थे, कोरोना के चलते तीन मंत्रियों का निधन हो गया। राज्यमंत्री विजय कुमार कश्यप की मौत हो गई थी, जबकि कोरोना की पहली लहर में मंत्री चेतन चैहान और मंत्री कमल रानी वरुण का निधन हो गया था। पहले मंत्रिमंडल विस्तार में 6 स्वतंत्र प्रभार मंत्रियों को कैबिनेट की शपथ दिलाई गई थी, इसमें तीन नए चेहरे भी शामिल थे। 23 अगस्त को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा उत्तर प्रदेश में बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। नड्डा प्रदेश भर के 2700 सेक्टर में बूथ प्रमुख और सेक्टर प्रमुखों से सीधा संवाद स्थापित करेंगे। यूपी विधानसभा चुनाव में पार्टी के निचले स्तर तक के कार्यकताओं को सक्रिय करने के लिए इसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है। बीजेपी 25 सितंबर से पन्ना प्रमुख सम्मेलन की शुरुआत करेगी। सम्मेलनों के जरिये बीजेपी सबसे निचले कार्यकर्ता को जमीनी स्तर पर पूरी तरह से सक्रिय करेगी। दो - तीन दिनो में संगठन की लखनऊ में फिर बैठकें होगी जिसमें अगले तीन महीने के भावी कार्यक्रम तय होंगे।