जाली पासबुक बनाकर करता था हेरफेर लखनऊ। लखनऊ के हसनगंज पुलिस ने डालीगंज पोस्ट ऑफिस में 24 लाख का गबन करने के आरोप में महिला एजेंट समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है। निवेशकों की बचत योजना से रुपये निकालने के लिए आरोपियों ने जाली पासबुक तैयार की थी। तीन साल पहले दर्ज हुए मुकदमे में महिला एजेंट के साथ उपडाकपाल समेत चार डाककर्मियों के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज हुआ था। इंस्पेक्टर यशकांत सिंह के मुताबिक शनिवार को नन्हे गेस्ट हाउस के पास से बंथरा निवासी ममता वर्मा और हरदोई अतरौली निवासी संतोष गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों के खिलाफ 13 जुलाई 2018 को सहायक अधीक्षक डाकघर आनन्द मोहन मिश्र ने मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि ममता, संतोष ने डालीगंज पोस्ट ऑफिस में तैनात तत्कालीन उपडाकपाल राकेश कुमार, डाक सहायक गुलाम बाकर, एसएम अस्करी और एमटीएस कर्मी गौरव गुप्ता के साथ मिल कर 24 लाख रुपये का गबन किया था। इंस्पेक्टर के मुताबिक आरोपियों ने कई खाताधारकों के नाम से जाली पासबुक बनाई थी। जिसमें गलत इंट्री की जाती थी। उपडाकपाल व अन्य कर्मचारियों की मिलीभगत से खाताधारकों की पासबुक में भी फर्जी मोहर आदि लगा दी जाती थी। वहीं, जालसाज जाली हस्ताक्षर और दस्तावेज बना कर डाक विभाग में जमा खाताधारकों के रुपये निकाल लेते थे। डालीगंज ब्रांच में ही करीब 25 खाताधारकों ने धोखाधड़ी किए जाने की शिकायत की थी। जिसके बाद विभागीय जांच कराई गई थी। छानबीन में राकेश, गुलाम बाकर, एसएम अस्करी, गौरव गुप्ता, संतोष गुप्ता और ममता वर्मा की भूमिका संदिग्ध मिली थी। इंस्पेक्टर के मुताबिक एफआईआर दर्ज होने के बाद से ही महिला एजेंट ममता वर्मा और संतोष गुप्ता फरार चल रहे थे। करीब तीन साल बाद उन्हें गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। फर्जी पासबुके के जरिए किए गए घपले के बाद डाक विभाग ने बड़े पैमाने पर जांच कराई थी। इस दौरान कई अन्य खाताधारक भी सामने आए थे। जिनके खाते में हेराफेरी कर रुपये निकाल गए थे। धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए खाताधारकों को उनके बैलेंस की जानकारी नहीं दी जाती थी। वहीं, एजेंट भी जमा की गई रकम की रसीद देने में आनाकानी करती थी।