यह देश मेरा घर है किराए का नहीं है -मोहम्मद तारिक सरायमीर/आजमगढ़। सोमवार की बीती थाना क्षेत्र के कंवरा गहनी गांव में हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति के जिला अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ पूर्व कनवेनर साजिद खान आजमी के संयोजकत्व तथा उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता जेड.के.फैजा़न की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन कोविड-19 गाइडलाइन का पालन करते हुए किया गया। मुशायरा का उद्घघाटन प्रमुख सामाज सेवी एवं ईडेन इग्लिश स्कूल व नूरजहां गर्ल्स कॉलेज के प्रबंधक परवेज़ आलम भुट्टो द्वारा शमा रौशन कर किया गया। कवियों और शायरों ने एक से बढ़कर एक कविताएं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट जेड. के.फै़जा़न ने कहा कवि सम्मेलन व मुशायरे गंगा जमुनी तहजीब का केंद्र रहा है।कवि सम्मेलनों एवं मुशायरों के माध्यम से आपसी भाईचारा को बढ़ावा मिलता है।आज की दौड़ भाग की जिंदगी में शायरोंऔर कवियों ने इस धरोहर को सजा कर रखा है।समाज में भाईचारा बढ़ाने के लिए इस तरह के प्रोग्राम कराने की जरूरत है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में मुख्य अतिथि कवि कुंवर जावेद को साजिद खान आजमी व उनकी टीम द्वारा शाल वह मोमेंटो देकर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन अयूब वफा ने किया। रात भर श्रोता मंत्रमुग्ध होते रहे हास्य व्यंग व वीर रस के कवियों ने खूब वाहवाही बटोरी। राष्ट्रीय कवि कुंवर जावेद ने अपनी ग़ज़ल
"सूरज हूं मुझको डर किसी साए का नहीं
यह देश मेरा घर है किराए का नहीं है!!"
सुनाकर श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया।
शादाब आज़मी ने अपनी नज़्म
"कभी की थी जो मैंने वह शरारत याद आती है
तेरी खातिर ज़माने से बगावत याद आती है!!"
सुनाकर श्रोताओं की खूब वाह-वाही लूटी।
डॉक्टर सरफराज ने अपनी कविता
"कलंदरो को भला ताज की जरूरत क्या है
उन्हें तो शाह भी झुक कर सलाम करते हैं !!"
सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया।
इसके अतिरिक्त रजब अली शेरवानी,डॉक्टर एहतेशाम, शाह खालिद आदि प्रमुख शायरों व कवियों ने अपनी कविताएं पेश की ।
अन्त में कन्वीनर साजिद खान आज़मी ने आये हुए आगंतुकों का आभार प्रकट किया ।
इस अवसर पर आरिफ प्रधान, परवेज आलम भुट्टो,अकील उर रहमान,अब्दुल्ला नैयर आदि प्रमुख गणमान्य लोग उपस्थित रहे।