24 घण्टे के भीतर हुई इस कार्रवाई से महकमे में मची खलबली बस्ती। आशनाई के चक्कर में ग्रामीणों के हत्थे चढ़े दुबौलिया थाने के दारोगा अशोक चतुर्वेदी को प्रथमदृष्टया दोषी मानते हुए पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। शुक्रवार की देर शाम आईजी अनिल कुमार राय ने एसपी आशीष श्रीवास्तव की रिपोर्ट के आधार पर यह कार्रवाई की। प्रकरण सामने आने के 24 घण्टे के भीतर हुई इस कार्रवाई से महकमे में खलबली मच गई। आईजी ने बताया कि दरोगा के इस कृत्य ने महकमे की छवि को खराब किया है। ग्रामीणों की पिटाई से घायल दरोगा 24 घंटे से जिला अस्पताल में भर्ती है। बुधवार की रात दुबौलिया थाना क्षेत्र के ऊंजी मुस्तहकम गांव में थाने के दारोगा अशोक चतुर्वेदी को ग्रामीणों ने बुधवार की रात 3.15 बजे एक घर से निकलते समय घेरकर पकड़ लिया था। आरोप है कि उसने ग्रामीणों पर सर्विस रिवाल्वर से फायर किया। जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने उन्हें दौड़ाकर पकड़ लिया और एक पोल से बांधकर जमकर पिटाई की। घटना की सूचना मिलते ही प्रभारी निरीक्षक दुबौलिया मनोज कुमार त्रिपाठी ने मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझा बुझाकर दारोगा को मुक्त कराया। बाद में सीएचसी दुबौलिया में भर्ती कराया। वहीं, एसपी आशीष श्रीवास्तव ने घटना की जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक और सीओ कलवारी को मौके पर भेजा। ग्रामीणों ने जांच अधिकारियों को बताया कि दारोगा अक्सर गांव में आते थे। बुधवार की रात 10.15 बजे भी वह गांव में आए और अपनी बाइक जूनियर हाईस्कूल के पास छिपाकर एक घर में घुस गए। वहीं, जांच रिपोर्ट मिलने के बाद एसपी ने बृहस्पतिवार को ही दारोगा को तत्काल निलंबित कर दिया था। बाद में ऊंजी मुस्तहकम गांव के संग्राम सिंह की तहरीर पर दुबौलिया थाने में आरोपित दारोगा के विरुद्ध जानलेवा हमले की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। इसके बाद एसपी ने पुलिस महानिरीक्षक को घटनाक्रम की जानकारी देते हुए आरोपित को बर्खास्त करने की संस्तुति कर दी।