कई महीनों से लापता थीं ये किशोरियां, ऐसे मिली सफलता देवरिया। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के एसपी डॉ. श्रीपति मिश्र ने जनपद से लापता बेटियों को ढूंढकर परिजनों से मिलाने की पहल काफी हद तक सफल साबित हुई है। दो साल से अधिक समय से लापता बेटियों को ढूढ़ने के लिए दरोगाओं को दिल्ली, मुंबई, गोवा, पंजाब, गुजरात, जम्मू तक की सफर करनी पड़ी है। बुधवार को पुलिस लाइन के प्रेक्षागृह का माहौल कुछ अलग था। एक तरफ लापता बेटियों के परिजन तो दूसरी तरफ विवेचक दरोगा थे। जनपद से लापता 51 बेटियों के बारे में जब एसपी ने जानकारी ली तो बरामद करने में सफल दरोगा सीना चौड़ा कर बोल रहे थे कि सर मिल गई है। जबकि विफल दरोगा बगले झांक रहे थे। सलेमपुर के एक दरोगा की बारी आई तो एसपी ने पूछा कि लोकेशन मिलने के बाद भी मुंबई क्यों नहीं गए तो उन्होंने परमिशन न मिलने की बात कही। एसपी ने तत्काल परमिशन देने की बात कही। सलेमपुर कोतवाली की दो बेटियों के अब तक न मिलने पर एसपी ने फटकार लगाई। पंद्रह दिनों में ढूंढ निकाली गईं 26 बेटियों के बारे जानकारी लेने के बाद एसपी ने पीड़ित पक्ष से सीधा संवाद भी किया। इस दौरान यह देखने को मिला कि अभी अन्य लापता बेटियों की तलाश में पुलिस की टीम बंगलुरु, दिल्ली, मुंबई आदि जगहों पर पहुंच चुकी है। समीक्षा के दौरान कई दरोगाओं ने एसपी को बताया कि पुलिस की टीम कुछ अन्य के बारे में पता लगा चुकी है और ट्रेन से लेकर रवाना हो चुकी है। इस दौरान एपी ने दरोगा सौरभ सिंह, अमर नाथ सोनकर, प्रह्लाद गौंड़, हीरा लाल यादव को बेहतर काम करने के लिए प्रशस्ति पत्र देने की बात कही। एएसपी राजेश कुमार सोनकर भी मौजूद रहे। एसपी डॉ.श्रीपति मिश्र ने लापता बेटियों और जालसाजी के मामले में दर्ज मुकदमों के विवेचकों को नसीहत दी। कहा कि आप लोग खुद सोचिए जो काम पंद्रह दिन में हो गया, वह वर्षों से लंबित था। जितना ही जल्दी विवेचना पूरी होगी, वादी भी खुश रहेगा और न्याय भी मिलेगा। उन्होंने सर्वोत्तम विवेचक के रूप में कोतवाली के सिविल चौकी प्रभारी महेंद्र मोहन मिश्र, राम प्रकाश यादव, नागेश्वर सिंह के नामों की संस्तुति कर एडीजी गोरखपुर जोन को भेजने का आदेश दिया।