नरेंद्र देव गिरी ने महिला के साथ संबंध बनाते वीडियो वायरल के डर से की आत्महत्या

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सामने आए कथित सुसाइड नोट के जरिए किया जा रहा दावा
लखनऊ। महंत नरेंद्र देव गिरी मामले में उनके शिष्य आनंद देव गिरी की गिरफ्तारी के बाद अब एक बड़ा खुलासा हुआ है। उनके कथित सुसाइड नोट के जरिए दावा किया जा रहा है कि उन्होंने किसी महिला के साथ वीडियो वायरल होने के डर से आत्महत्या की है। मीडिया को मिले महंत नरेंद्र देव गिरी का कथित सुसाइड नोट 8 पन्ने का है। उसमें उन्होंने अपनी आत्महत्या के लिए मजबूर किए जाने को लेकर तीन लोगों को आरोपित किया है और यूपी के प्रयागराज पुलिस से कहा है कि उन लोगों को सख्त सजा दी जाए जिनकी वजह से नरेंद्र देव गिरी आत्महत्या के लिए मजबूर हुए हैं।
पढ़िए सुसाइड नोट का महत्वपूर्ण हिस्सा जो महंत नरेंद्र देव गिरी ने मरने से पहले लिखा है..... 'मैं 13 सितंबर को आत्महत्या करने जा रहा था, लेकिन हिम्मत नहीं कर सका। आज जब हरिद्वार से सूचना मिली कि दो दिन के भीतर आनंद गिरी मेरा वीडियो कम्प्यूटर के माध्यम से किसी लड़की के साथ जोड़कर गलत काम करते हुए वायरल कर सकता है। अगर वीडियो वायरल होता है और मेरी बदनामी होती है तो मैं समाज में कैसे रहुंगा।' नरेंद्र देव गिरी के लिखे 8 पेज के कथित सुसाइड नोट में कई जगह कट—पिट भी है, लेकिन उन्होंने अपने जाने के बाद क्या करना है और उनकी मौत के लिए कौन-कौन लोग जिम्मेदार हैं, वह बातें उन्होंने बहुत साफ तौर पर लिखी हैं और पुलिस से अपने पक्ष में कार्रवाई करने की अपील की है।
इस कथित सुसाइड नोट में वे आगे लिखते हैं, 'मेरी मौत की जिम्मेदारी आद्या प्रसाद तिवारी, संदीप तिवारी पु​त्र आद्या प्रसाद तिवारी और आनंद देव हैं। मैं इन्हीं के कारण आत्महत्या करने को मजबूर हुआ हूं।'
गिरी सुसाइड नोट में लिखते हैं, 'मैं सभी प्रयागराज के पुलिस अधिकारियों से आग्रह करता हूं कि मेरी मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाए।' सुसाइड करने के कारणों को आगे बताते हुए नरेंद्र देव गिरी ले लिखा है, 'मैं कहां—कहां सफाई देता फिरूंगा। एक बार बदनाम हो जाउंगा, उसके बाद क्या होगा। मैं जिस पद पर हूं वहां से बदनामी के बाद कैसे जी पाउंगा।' अपने नहीं रहने पर अखाड़े की देखभाल की नरेंद्र देव गिरी ने चिंता जाहिर की है और लिखा है, 'जिस तरह से मैंने अखाड़े में काम किया है, आदर्शों का पालन किया है, वैसे ही वो लोग उसका ख्याल करें। आसुतोष गिरी और अन्य साथी उसी तरह अखाड़े के लिए काम करें,​ जैसे मैं करता रहा हूं।' आखिर में उन्होंने हस्ताक्षर किए हैं।
बता दें कि इस पूरे घटनाक्रम में अबतक महंत नरेंद्र गिरी के तीन शिष्यों को हिरासत में लिया गया है। कथित आत्महत्या के मामले में महंत आनंद गिरी पर एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस की ओर से दफा 306 (यानी आत्महत्या के लिए मजबूर करने या उकसाने के लिए) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस की तरफ से दर्ज एफआईआर में कहा गया है कि आनंद की प्रताड़ना की वजह से ही महंत ने अपनी जान दे दी। हालांकि पुलिस ने यह भी कहा है कि जबतक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट सामने नहीं आ जाती तब तक कुछ भी कहना सही नहीं होगा। आनंद गिरी को हरिद्वार पुलिस ने हिरासत में लिया है। इससे पहले संत समिति समेत आनंद गिरी ने सवाल खड़ा किया था कि महंत नरेंद्र गिरी सुसाइड नोट कैसे लिख सकते हैं। नरेंद्र गिरी हस्ताक्षर तक नहीं कर सकते तो फिर इतना लंबा सुसाइड नोट कैसे लिख सकते हैं।

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