आजमगढ़ : अपनी जरूरतों के कारण नदियों को हमने नहर बना दिया—गांगेय हंस
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Sunday, September 26, 2021
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आजमगढ़। लोक दायित्व एवं मूल सरयू बचाओ बचाओ अभियान के संयुक्त तत्वावधान में विश्व नदी दिवस के अवसर पर 'हमारी नदियां हमारी संस्कृति' विषयक ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में बतौर मुख्य वक्ता गंगा पुराण के रचनाकार राष्ट्रसंत राजर्षि गांगेय हंस विश्वामित्र ने कहा कि नदियों की धाराओं को रोकने वाले असुर हैं नदियों को आज अपनी जरूरतों के कारण हमने नहर बना दिया है। नदी का निर्मली करण तभी होगा जब उसका प्रवाह निरंतर जारी रहे। उन्होंने कहा कि गंगा का निर्मलीकरण मणिकर्णिका आदि घाटों को चमकाने से नहीं हो सकता उसकी धारा को उसके जल को शुद्ध करना होगा। उन्होंने कहा कि नदियों के मरने से हमारी संस्कृति, सभ्यता मरती है। नदियों के संरक्षण के लिए जनचेतना बहुत जरूरी है।
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