आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए ली गई जमीन पर सर्किल रेट से अधिक भुगतान का मामला कन्नौज। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के लिए ली गई जमीन पर सर्किल रेट से अधिक भुगतान पर तत्कालीन एसडीएम व दो तहसीलदारों समेत आठ लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। एक साथ इतने अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर से प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप है। छिबरामऊ के तहसीलदार अभिमन्यु कुमार ने रविवार को छिबरामऊ थाने में तत्कालीन एसडीएम उदयवीर सिंह, तत्कालीन तहसीलदार शिवनारायन पांडेय व ऋषिकांत राजवंशी, रजिस्ट्रार प्रद्युम्य सिंह, नायब तहसीलदार अवनीश कुमार, लेखपाल अरुण कुमार के अलावा मझगवां गांव के जमीन विक्रेता राजेश कुमार व गढ़िया की केसर देवी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट के अनुसार, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे परियोजना के लिए मझगवां के राजेश कुमार की 0.239 हेक्टेयर भूमि 22 सितंबर 2014 को ली गई थी। उन्हें सर्किल रेट 19 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के स्थान पर 25 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर के चार गुने की दर से 24,30,000 रुपये का भुगतान किया गया। इस तरह उनको 5,73,600 रुपये का अधिक भुगतान कर दिया गया। इसी तरह गढ़िया की केसरदेवी की 0092 हेक्टेयर के लिए सर्किल रेट 90 लाख प्रति हेक्टेयर दिखाकर 4 गुने की दर से 33 लाख 12 हजार रुपये का भुगतान किया गया, जबकि वास्तविक सर्किल रेट 19 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से चार गुना भुगतान होना था। इस तरह अधिकारियों की सांठगांठ से केसरदेवी को 26 लाख 12 हजार 800 रुपये अधिक का भुगतान किया गया। मामले में फंसे ऋषिकांत राजवंशी वर्तमान में कानपुर देहात में एसडीएम और अवनीश कुमार कानपुर देहात में तहसीलदार हैं।