आजमगढ़: नकली नोट मामले में सिपाही निलम्बित

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एटीएस ने वाराणसी के चौकाघाट से जाली नोटों के साथ सिपाही समेत छः को किया गिरफ्तार
आजमगढ़/वाराणसी। एटीएस आजमगढ़ की टीम ने मंगलवार को वाराणसी के चौकाघाट से धन दूना करने और जाली नोट खपाने वाले गिरोह के सिपाही समेत छह आरोपियों को दबोचा। उनके पास से एक लाख 40 हजार असली नोट और साढ़े तीन लाख रुपये के जाली नोट (चिल्ड्रेन रिजर्व बैंक) बरामद हुआ। कैंट थाने में मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। गिरोह में शामिल आजमगढ़ के सिधारी थाने का एक सिपाही भी गिरफ्तार हुआ। एटीएस आजमगढ़ इकाई के निरीक्षक कमलेश कुमार पासवान को सूचना मिली थी कि जाली नोट से धोखाधड़ी और लोगों को झांसे में लेकर तीन गुना रकम करने का गिरोह आजमगढ़ से चार पहिया वाहन से वाराणसी के चौकाघाट पर लेनदेन के लिए गया है।
एटीएस की टीम ने भोर में करीब तीन बजे चौकाघाट-घौसाबाद स्थित पेट्रोल पंप के पास घेर लिया। वाहन से छह व्यक्तियों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू हुई। इसमें बावर्दी आजमगढ़ के सिधारी थाने के सिपाही इंद्रसेन यादव निवासी रानी गंज प्रतापगढ़, राजेश मौर्य निवासी भरतपुर बिलरियागंज आजमगढ़, वकील कन्नौजिया, शिवशंकर यादव निवासी हैदराबाद रौनापार आजमगढ़ के कब्जे से तीन लाख 50 हजार छह सौ रुपये के जाली नोट बरामद हुए। पश्चिम बंगाल मेदिनीपुर दासपुर के निएचितपुर के मूल निवासी गोपीनाथ मंडल और मेदिनीपुर कूडा के गोपालनगर निवासी शेख आरिफ के कब्जे से एक लाख 40 हजार रुपये असली नोट बरामद हुए। दोनों वर्तमान में रायपुर के तेला बंधा स्थित हीरानगर में रहते हैं। एटीएस निरीक्षक कमलेश कुमार पासवान ने कैंट थाने में छह आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराते हुए आरोपियों को सौंपा।
एटीएस की पूछताछ में आरोपी राजेश मौर्य और शिवशंकर यादव, वकील कन्नौजिया ने बताया कि असली नोट लेकर तीन गुना जाली नोट देने का वादा करते हुए असली नोट को लूटा जाता था। साढ़े तीन लाख की जाली नोट आजमगढ़ से लेकर आए थे। एक गुना असली नोट को तीन गुना नकली नोटों से ठगी करने के बाबत इस गिरोह में कुछ पुलिसकर्मियों को भी रखते हैं ताकि सामने वाली पार्टी जब आए तो पुलिसकर्मी मौके पर पहुंच पकड़ने का नाटक कर पार्टी को डरा धमकाकर भगा देते हैं। फिर बाद में आपस में पैसे का बंटवारा होता है। इसी सिलसिले में मंगलवार को सिधारी थाने का पुलिसकर्मी इंद्रसेन यादव को साथ लेकर आए थे। छत्तीसगढ़ रायपुर के रहने वाले गोपीनाथ और शेख आरिफ से पैसे के बाबत डीलिंग चौकाघाट इलाके में तय हुई थी। डेढ़ लाख के बदले साढ़े तीन लाख नकली नोट गोपीनाथ और शेख आरिफ को देना था। पकड़े शेख और गोपीनाथ भी नकली नोट रायपुर ले जाकर धोखाधड़ी की घटनाओं को अंजाम देते थे।
प्रतापगढ़ के रानीगंज निवासी पुलिसकर्मी इंद्रसेन यादव 2015 बैच का सिपाही है। पिछले तीन साल से आजमगढ़ में तैनात है। सिधारी में रहते हुए ही राजेश मौर्य और शिवशंकर यादव से उसकी मुलाकात हुई थी। आजमगढ़ पुलिस अब यह भी खंगाल रही है कि गिरोह का संपर्क और किन-किन पुलिसकर्मियों से है। पुलिस के संरक्षण में धन दूना और जाली नोट खपाने मामले को लेकर डीआईजी आजमगढ़ ने काफी गंभीरता से संज्ञान लिया है। सिपाही को निलंबित कर दिया गया।

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