आजमगढ़: अटेवा की मांग पर पूर्व मुख्यमंत्री ने दिया पुरानी पेंशन बहाल करने का आश्वासन

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आजमगढ़। पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू करने व निजीकरण को समाप्त को लेकर गुरूवार को ऑल टीचर्स एण्ड इम्पलाइज वेलफेयर एसोसिएशन (अटेवा) का प्रतिनिधिमंडल जिला संयोजक सुभाष चन्द यादव के नेतृत्व में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिलकर पत्रक सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने एसोसिएशन के इस मांग को पार्टी की घोषणा पत्र में शामिल करने व सार्वजनिक मंचों पर इसे प्रमुखता से रखने की बात कही। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अटेवा से कहा कि समाजवादियों की मदद कीजिए, आपकी समस्याओं का समाधान होगा।
जिला संयोजक श्री यादव ने कहाकि पुरानी पेंशन बहाली को लेकर पिछले कई वर्षों से शिक्षक कर्मचारी आंदोलन कर रहे है, लेकिन पुरानी पेंशन व्यवस्था को लागू नहीं किया जा रहा है। केन्द्र सरकार ने जनवरी 2004 व प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2005 से नियुक्त शिक्षक कर्मचारियां के लिए बाजार आधारित नई पेंशन व्यवस्था (एनपीएस) लागू कर दी है, जो शिक्षक कर्मचारियां के हित में नहीं है। नई व्यवस्था में कर्मचारियों के साथ साथ केन्द्र व प्रदेश सरकार का पैसा प्राइवेट कम्पनियों का जमा हो रहा हैं। इसका न तो कोई भविष्य है, न ही कोई गारंटी और सुरक्षा। उन्होने कहाकि शिक्षक कर्मचारियों के साथ नई पेंशन व्यवस्था लागू कर अन्याय किया गया है, इससे प्रदेश में लगभग 14 लाख नौकरी पेशा लोग प्रभावित है। देशभर में देखा जाय तो यह आकड़ा लगभग 3.5 करोड़ पहुंच गया है। श्री यादव ने कहाकि सरकारी सम्पत्तियां देश की धरोहर और रोजगार के सृजन हैं। इन सरकारी विभागों का निजीकरण करना देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण होगा। प्रतिनिधिमंडल ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से एसोसिएशन की मांग को घोषणा पत्र में शामिल करने और संसद विधानसभा में प्रमुख से रखने की मांग किया।
प्रतिनिधिमंडल में डा. रामजी वर्मा, विजय प्रताप यादव, सीपी यादव, देवेश यादव, अनिल मौर्य, जनार्दन, कन्हैया लाल, छोटे लाल, महेन्द्र यादव, दीपक, राजकिशोर, नवल किशोर, रामप्रताप, अखिलेश, नवनी चतुर्वेदी, महेन्द्र राम, डा. हरिप्रकाश, आशुतोष विक्रम, गुलाब चौरसिया, सुभाष आदि मौजूद रहे।

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