अलीशेर के साथ मारे गए कामरान की आपराधिक कुंडली खंगालने जुटी खाकी रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’ आजमगढ़। डेढ़ दशक पूर्व गांव में हत्या जैसी जघन्य घटना को अंजाम देने के बाद जरायम की दुनिया में कूदे इनामी अपराधी अलीशेर के आतंक का बुधवार की रात अंत हो गया। अलीशेर के साथ मुठभेड़ में मारे गए कामरान उर्फ बन्नू की आपराधिक कुंडली खंगालने में पुलिस टीम लगी हुई है। मुठभेड़ में अलीशेर के मारे जाने की खबर से पूर्वांचलवासियों के साथ पुलिस ने भी राहत की सांस ली है। बताते हैं कि देवगांव कोतवाली क्षेत्र के बैरीडीह ग्राम निवासी व पेशे से नाई झूरी के सात बेटों में पांचवें नंबर पर रहे अलीशेर का नाम लगभग 18 वर्ष पूर्व अपने गांव में हुई एक हत्या के मामले में उछला लेकिन नामजदगी न होने के कारण वह कानून के शिकंजे से बच निकला। इस घटना के बाद उसने जरायम की दुनिया में कदम रखा तो फिर वापस नहीं लौटा। आपराधिक जीवन में अलीशेर का नाम कई नामचीन अपराधियों के साथ जुड़ा और जरायम पेशे में लंबा समय उसने बिलरियागंज क्षेत्र के रहने वाले अपराधी आजम कसाई के साथ व्यतीत किया। आजम की हत्या के बाद अलीशेर अलग गिरोह बनाकर प्रदेश के अलावा अन्य प्रांतों में भी बड़ी वारदातों को अंजाम देता रहा। भाड़े पर हत्या करना उसका प्रमुख पेशा बन चुका था। गंभीरपुर थाना क्षेत्र में बसपा नेता कलामुद्दीन की हत्या में भी उसका नाम आया। यह वारदात अलीशेर ने दुबई में रहने वाले एक व्यापारी के कहने पर सुपारी लेकर किया था। बताते हैं कि इस घटना के बाद वह देश छोड़कर दुबई भाग निकला था। कुछ समय तक भूमिगत रहने के बाद वह पुनः देश में लौटा और अपराध की दुनिया से जुड़ गया। बीते सितंबर माह में झारखंड प्रांत में भाजपा नेता जीतराम मुंडा की हत्या उसने पांच लाख रुपए में सौदा तय करके कर दी थी। इस घटना के बाद लंबे समय से फरार चल रहे अलीशेर पर ईनाम की राशि बढ़ाकर एक लाख कर दी गई। उत्तर प्रदेश में पुलिस की नाक में दम कर चुके इस अपराधी को दबोचने के लिए एसटीएफ को भी लगाया गया। नतीजा रहा कि बुधवार की रात एसटीएफ टीम ने अलीशेर व उसके साथी कामरान उर्फ बन्नू को लखनऊ के मड़ियावं थानांतर्गत फैजुल्लाहगंज बंधे पर मुठभेड़ के दौरान मार गिराया। दोनों अपराधियों के कब्जे से कार्बाइन, पिस्टल जैसे असलहे व भारी मात्रा में कारतूस बरामद किए गए। गुरुवार की सुबह साथी के साथ अलीशेर के मारे जाने की खबर जैसे ही जनपदवासियों को पता चली सभी ने राहत महसूस किया। बताते हैं कि मुठभेड़ में मारे गए अलीशेर के अन्य भाई छोटा-मोटा व्यवसाय कर अपना गुजारा करते हैं। अलीशेर के बड़े भाई महमूद की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो चुकी है। बैरीडीह गांव में लगभग दो वर्ष पूर्व पप्पू नामक युवक की हत्या में अलीशेर को नामजद किया गया था। बताते हैं कि मृत अपराधी मुठभेड़ में मारे जाने से पूर्व कभी-कभार अपने गांव में लुकछिप कर आता था और गांव में रहने वाले अपने परिवार व बीवी-बच्चों से मिलकर चुपचाप निकल जाता था। वहीं अलीशेर के साथ मुठभेड़ में मारा गया कामरान उर्फ बन्नू गंभीरपुर थाना क्षेत्र के मंगरावां ग्राम निवासी नसीम अहमद का पुत्र बताया गया है। कामरान के विरुद्ध गंभीरपुर थाने में प्राणघातक हमला, धोखाधड़ी तथा मादक पदार्थ अधिनियम के तहत मामले दर्ज हैं। मुठभेड़ में मृत कामरान की आपराधिक कुंडली खंगालने में पुलिस जुटी हुई है।