प्रेम और परिवार के बीच फंसकर उठाया कदम, जानिए पूरा मामला कानपुर। सेंट्रल एम्युनेशन डिपो पुलगांव नागपुर में फायरमैन पद पर तैनात एक युवक दो शादियां कर फंस गया है। प्रेम और परिवार के बीच फंसे इस युवक ने 11 दिन में दो बार शादी रचा डालीं। शादी तय होने के बाद प्रेमिका से वादा निभाने को जहां उसने आर्य समाज के अनुसार विवाह किया वहीं परिवार की बात रखने को फिर घोड़ी चढ़ गया। दूसरी पत्नी ने विवाह को शून्य कराकर मुकदमा करने के साथ युवक को पद से बर्खास्त करने की मांग की है। कोर्ट ने भी युवक को फरार घोषित कर उसके खिलाफ कुर्की के आदेश जारी कर दिए हैं। गजनेर के सरवन खेड़ा निवासी विकास सिंह सेंट्रल एम्युनेशन डिपो पुलगांव नागपुर के फायरमैन के पद पर तैनात है। नौबस्ता के आवास विकास हंसपुरम में रहने वाली प्रियंका सिंह से 18 फरवरी 2018 को उसकी शादी तय हुई। ठीक 11 दिन पहले सात फरवरी 2018 को उसने अकबरपुर की श्याम राधिका से जरीब चौकी हीरागंज स्थित आर्य समाज मंदिर में प्रेम विवाह कर लिया। दस माह तक सब सामान्य रहा। दिसंबर 2018 में विकास की पहली शादी का प्रमाण प्रियंका के हाथ लग गया जिसके बाद इस पूरे घटनाक्रम से पर्दा उठा। प्रियंका ने पति और ससुराल पक्ष के खिलाफ 12 मार्च 2019 को नौबस्ता थाने में दहेज में दो लाख रुपये और एक कार मांगना, पहली शादी को छिपाकर दूसरी शादी करना, दहेज प्रताड़ना समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। फरवरी 2020 में हाईकोर्ट ने एक माह में सरेंडर कर जमानत कराने के आदेश दिए, लेकिन विकास ने सरेंडर नहीं किया। निचली कोर्ट ने सात जनवरी 2021 को विकास व अन्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया। 25 नवंबर को कुर्की करने का आदेश न्यायालय ने जारी किया। विकास के पिता शिवबीर सिंह, मां और बहन अंतरिम जमानत पर हैं। पारिवारिक न्यायालय में विकास ने एक मुकदमा दाखिल कर पहली शादी को धोखा बताया। उसका कहना है कि श्याम राधिका के पिता ने बेटी की शादी के लिए गवाही हेतु हस्ताक्षर करवाए। श्याम राधिका ने भी माना कि उसके पिता ने धोखे से शादी कराई है। अधिवक्ता करीम अहमद सिद्दीकी ने बताया कि दोषी पाए जाने पर विकास को दस साल की कैद हो सकती है।