आजमगढ़ : इस्लामिक रवायतों के हिमायती थे अल्लामा इक़बाल-ख्वाजा इकरामुद्दीन

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मुबारकपुर गर्ल्स डिग्री कॉलेज में जश्ने इकबाल का किया गया आयोजन
आज़मगढ़। मुबारकपुर गर्ल्स डिग्री कॉलेज में रविवार को जश्ने इकबाल का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता डाक्टर गुफरान अहमद और संचालन आमिर फहीम आज़मी ने की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर ख्वाजा इकरामुद्दीन जवाहर लाल नेहरु यूनिवर्सिटी नई दिल्ली ने सम्बोधित करते हुए कहा कि अल्लामा इक़बाल इस्लामिक रवायतों के हिमायती थे। इस को लेकर उन का नज़रिया काफी सख्त था। वे मुसलमानों के अधिकारों के पैरोकार थे। उनका सिद्धान्तों से समझौता करने का सवाल ही नहीं था। एक राजनेता, स्कॉलर और तेज़-तर्रार वकील तो वो थे ही, लेकिन उनका दूसरा पहलू एक फिलॉसफर और कवि का भी था जिसका दिल साफ और नाज़ूक भी था। इक़बाल साहब जिन्दादिल इन्सान थे। वो अक्सर हौसले के साथ यूथ से मुखातिब हुआ करते थे। उन्होंने ने ये भी कहा कि इकबाल की प्राथमिक भाषा पंजाबी थी लेकिन वे अरबी, फारसी, उर्दू और अंग्रेजी भाषाओं में निपुण थे. उन्हें एशिया का सबसे अग्रणी कवि माना जाता है और उन्हें 'अल्लामा' (विद्वान) कहा जाता है. उनकी कविता में रूमानियत के बजाय विषयों पर एक संदेश देने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। कालेज के मैनेजर डाक्टर शमीम अहमद ने सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया। 31 अक्टूबर को होने वाले कंपटीशन में भाग लेने वाली छात्राओं को पुरस्कार भी दिया गया।
इस अवसर पर हाजी हशमतुल्लाह, डाक्टर सलमान अख्तर, डाक्टर महबूब आज़म सर्जन, हाजी नेसार अहमद, हाजी अताउरर्हमान, सुलेमान अंसारी, कमाल अख्तर, गुफरान नेता, जमाल अशरफ, वकार सभासद, मास्टर शमीम अनवर, गुड्डू मिर्ज़ा आदि लोग सहित स्कूल स्टाफ एवं छात्राएं उपस्थित थी।

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