अखिलेश यादव ने जेएएम पर अमित शाह को दिया करारा जवाब
By -Youth India Times
Sunday, November 14, 20212 minute read
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जनता ने तय कर दी है विदाई-अखिलेश गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कर्मस्थली गोरखपुर से समाजवादी विजय रथ यात्रा लेकर रविवार को कुशीनगर पहुंचे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भाजपा के जेएएम का करारा जवाब दिया है। केन्द्र सरकार में गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में उनके ऊपर हमला बोला था, जिसका आज अखिलेश यादव ने जवाब दिया है। कुशीनगर में समाजवादी पार्टी की विजय रथ यात्रा लेकर पहुंचे अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्प्रेंस में कहा कि सपा भाजपा के लिए जेएएम लेकर आई है। उन्होंने कहा कि भाजपा जे से झूठ, ए से अहंकार तथा एम महंगाई को लेकर चर्चा में है। इसी कारण अब वह जनता को गुमराह करने में लगे हैं। उन्होंने कहा कि है हम भाजपा की अब कोई भी चाल सफल नहीं होने देंगे। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी को अपने जेएएम का जनता को जवाब देना होगा। अखिलेश यादव ने कहा कि सपा को जनता का भरपूर समर्थन मिल रहा है। हर वर्ग के लोग समर्थन दे रहे हैं। यह तो तय है कि 2022 में बदलाव होगा। प्रदेश की जनता 2022 में जनता बदलाव चाहती है। इस सरकार ने महंगाई बढ़ाई है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा उन कानूनों को लागू करना चाहती है जिससे खेती छीन जायेगी। इन कानूनों के विरोध में कई किसानों की जान गई लेकिन भाजपा को कोई परवाह नहीं है। हमारी पार्टी का कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन जारी है। हम उन किसानों के समर्थन में हैं जो किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में किसान को टायर से कुचल दिया गया। कृषि कानूनों के विरोध में कई किसानों की जान चली गई। सरकार परेशान नहीं है। जिस तरह से सरकार ने यूपी में किसानों के विरोध को कुचलने की कोशिश की, वह दुखद है। मंत्री के बेटे पर गंभीर आरोप है। क्या आप अपनी जीप से अन्नदाता को कुचल सकते हैं। किसानों को कुचल दिया गया। उसके बाद वे कानूनों को कुचल रहे थे। अगर उन्हें दोबारा मौका दिया गया तो यह लोग संविधान को भी कुचल सकते हैं। किसान मायूस हैं, उनकी आमदनी दोगुनी नहीं बल्कि महंगाई बढ़ी है। अखिलेश यादव ने कहा कि गरीबों की जेब काटी जा रही है। सरकार तो अमीरों की जेब भर रही है। यूपी में कितना निवेश आया कम से कम जनता को सरकार तो यह बता दे। सरकारी संस्थाएं बिक रहे हैं। हम बैकवर्ड होने के बाद भी सोच से अगड़े हैं।