आज़मगढ़। सपा प्रमुख अखिलेश यादव चाहते तो आजमगढ़ की गोपालपुर या किसी अन्य सीट से लड़ सकते थे। वह आजमगढ़ से सदर के सांसद भी हैं। यहां पर सपा का व्यापक जनाधार है और यहां किसी सीट से जीतने में उन्हें बहुत मुश्किल नहीं आती। बता दें कि गोपालपुर में सपा के नफीस अहमद जीते थे। अखिलेश के पहले यहीं से लड़ने की योजना थी लेकिन पर यह सोचा गया कि इससे भाजपा को ध्रुवीकरण कराने का मौका मिल जाएगा और पूर्वांचल की अन्य सीटों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। इसलिए यादव बेल्ट की करहल को चुना, जहां केवल पांच प्रतिशत मुस्लिम मतदाता हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में साम्प्रदायिक ध्रुवीकरण होने के चलते सपा को भारी नुकसान उठाना पड़ा। वह शमशान व कब्रिस्तान जैसे मुद्दों पर हिट विकेट हो गई।