भाजपा विधायकों के टिकट को लेकर जारी किया बयान स्वामी प्रसाद के इस्तीफे के असर, टिकट पक्का मगर सीट में बदलाव संभव लखनऊ। उत्तर प्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद सियासी हलचल के बीच गृहमंत्री अमित शाह बैकफुट पर आ गये। डैमेज कन्ट्रोल करने के लिए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति बदल ली। सूत्रों के मुताबिक अमित शाह उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में सिटिंग विधायकों का अंधाधुंध टिकट काटने के फैसले के खिलाफ हैं। माना जा रहा है कि अब मौजूदा विधायकों के टिकट पहले की तुलना में कम कटेंगे और कुछ विधायकों का सीट बदलकर उन्हें दूसरी सीट पर से चुनाव लड़ाया जाएगा। माना जा रहा है कि भाजपा के इस फैसले से उन विधायकों को राहत मिलेगी, जिनका पत्ता कटने वाला है। इससे पहले जानकारी मिली थी कि यूपी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के करीब 100 मौजूदा विधायकों का पत्ता कट सकता है। बताया गया था कि इस बार अधिक संख्या में मौजूदा विधायकों का पत्ता कटने वाला है, क्योंकि भाजपा प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में ज्यादातर लोग इसी पक्ष में दिखे थे। उम्मीदवारों के नाम पर फाइनल मुहर लगाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य के अन्य नेताओं के साथ पश्चिमी यूपी के लिए पहले दो चरणों के चुनाव के लिए अपनी सिफारिशों के साथ मंगलवार को दिल्ली पहुंचे और भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक में हिस्सा लिया। लखनऊ में भाजपा प्रदेश चुनाव समिति की बैठक हुई थी। इस बैठक में प्रत्याशियों के नाम को लेकर मंथन किया गया था। बैठक के इनपुट के आधार पर सूत्रों ने बताया था कि मौजूदा विधायकों में से तकरीबन 25 फीसदी चेहरे बदले जा सकते हैं। मगर इसका फाइनल फैसला भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में होगी, जो उम्मीद है कि इसी सप्ताह होगी। इसमें पहले, दूसरे और तीसरे चरण के प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा होगी। लेकिन अब खबर आ गई है कि खुद अमित शाह इस रणनीति के खिलाफ है। अमित शाह की बदली रणनीति के मुताबिक, अब मौजूदा विधायकों के टिकट कम कटेंगे। तकरीबन एक दर्जन सिटिंग विधायकों का सीट बदलकर उन्हें दूसरी सीट पर चुनाव लड़ाया जाएगा। माना जा रहा है कि भाजपा की प्रदेश समिति की बैठक में यह बात सामने आई थी कि जिन सीटों पर मौजूदा विधायकों के खिलाफ हवा है, उनका पत्ता कट सकता है, मगर अब भाजपा ने इसकी काट निकाल ली है।जहां-जहां विधायकों के खिलाफ नाराजगी है, वहां कैंडिडेट को ही बदल दिया जाएगा और मौजूदा विधायक को दूसरी जगह से टिकट दिया जाएगा।