मऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध दाखिल परिवाद खारिज
By -Youth India Times
Sunday, March 20, 2022
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जानिए सीएम योगी के किस बयान से जुड़ा है यह मामला रिपोर्ट-राहुल पाण्डेय मऊ। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपीएमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विरुद्ध दाखिल परिवाद को सुनवाई के बाद खारिज कर दिया। अपने आदेश मे लिखा कि घटना स्थल राजस्थान प्रांत के अलवर जिले के मालाखेडा का है। इस जिले मे स्थित इस न्यायालय को प्रस्तुत परिवाद को सुनने का क्षेत्राधिकार नहीं है। एसीजेएम ने क्षेत्राधिकार के अभाव में परिवाद को धारा 203 सीआरपीसी के अंतर्गत खारिज कर दिया। मामले के अनुसार दोहरीघाट थाना क्षेत्र के कस्बा दोहरीघाट निवासी नवल किशोर शर्मा पुत्र देवनाथ शर्मा ने सीजेएम कोर्ट में एक परिवाद दाखिल किया था। इसमें मुख्यमंत्री अजय सिंह विष्ट उर्फ योगी आदित्यनाथ महंत गोरक्षपीठ को आरोपी बनाते हुए उन्हें विचारण हेतु तलब करने अनुरोध किया था। नवल किशोर शर्मा का कथन था कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्ति एवं देश के गौरव मुख्यमंत्री एवं हिंदुओं के आस्था के केंद्र गोरक्षपीठ के महंत हैं। उनका बोलना भाषण देना वक्तव्य देना देश, प्रदेश तथा प्रत्येक धर्म, जाति वर्ग एवं समुदाय में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। साथ ही लोग इस पर आस्था व विश्वास भी रखते है। आरोप है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजस्थान प्रदेश में हो रहे सामान्य विधानसभा चुनाव के दौरान सार्वजनिक सभा में 28 नवंबर 2018 को अलवर जिले के मालाखेड़ा में जनसभा को संबोधित करते हुए परिवादी के इष्ट देव श्री बजरंगबली मे श्रद्धा रखने वाले समुदायों के आस्था को आहत पहुंचाई है। जनसभा मे योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बजरंगबली ऐसे लोक देवता हैं, जो स्वयं बनवासी हैं, गिरवासी हैं, दलित हैं, वंचित हैं। इनके इस भाषण से परिवादी के धार्मिक भावनाओं को ठेस एवं आघात पहुंचा है। साथही इष्ट देव श्री बजरंगबली में श्रद्धा रखने वाले समुदायों की आस्था को उनके द्वारा आहत पहुंचाई गई है। सीजेएम ने मामले को सुनवाई के लिए एसीजेएम कोर्ट मे स्थानांतरित कर दिया। कोर्ट में परिवादी नवल किशोर शर्मा का बयान अंकित हुआ। तथा गवाहों के रूप में युगल किशोर शर्मा व अनूप कुमार यादव का बयान अंकित हुआ। सुनवाई के बाद अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट/ एमपीएमएलए कोर्ट श्वेता चौधरी ने अपने आदेश में लिखा कि विपक्षी द्वारा राजस्थान राज्य के अलवर जिले के मालाखेड़ा स्थान पर वक्तव्य दिया गया है। घटना का स्थल राजस्थान राज्य में स्थित है। ऐसी स्थिति में समस्त तथ्य एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए जनपद मऊ में इस न्यायालय को प्रस्तुत परिवाद को सुनने का क्षेत्राधिकार प्राप्त नहीं है। परिवाद को क्षेत्राधिकार के अभाव में खारिज कर दिया।