हार के बाद सपा ने बदली रणनीति, एमएलसी चुनाव में अपनाया यह फार्मूला
By -Youth India Times
Monday, March 21, 2022
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लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में मुस्लिम यादव समीकरण से परहेज करने वाली समाजवादी पार्टी विधान परिषद चुनाव में फिर अपने पुराने फार्मेूले पर लौट आई है। इस बार उसने विधान परिषद की स्थानीय प्राधिकारी चुनाव की 35 सीटों पर आधे से ज्यादा यादव वर्ग के उम्मीदवार उतार दिए हैं जबकि मुस्लिम व ब्राह्मण को भी अहमियत दी गई है। अलबत्ता गैरयादव बिरादरी को केवल नाममात्र का प्रतिनिधित्व मिला है। असल में विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण में रणनीति के तहत सपा ने गैरयादव पिछड़ी जातियों को खास तवज्जो दी थी। इसके जरिए उसने बड़े जनसमूह को अपने पक्ष में करने की कोशिश की थी। चूंकि यह चुनाव सीधे जनता से न होकर पंचायत प्रतिनिधियों के जरिए होना है। इसलिए सपा ने अपनी रणनीति बदली और उन्हीं को टिकट दिया जो क्षेत्र में प्रभावशाली हैं और वोट हासिल कर सकते हैं। चूंकि पिछली बार सपा के जीते 36 में ज्यादातर यादव बिरादरी के ही थे। अधिकांश को टिकट दोबारा मिलने से यादव समुदाय का प्रतिनिधित्व सबसे ज्यादा हो गया। अलबत्ता सपा ने सूची जारी करते वक्त यादव बिरादियों के प्रत्याशियों के नाम में यादव उपनाम लगाने से परहेज किया जबकि अन्य बिरादरी के प्रत्याशियों के नाम में उपनाम लगाया गया है। सपा ने एक महिला को भी टिकट दिया है। सपा इस बार सत्ता से बाहर है ऐसे में देखना है कि उसके प्रत्याशी भाजपा प्रत्याशियों के आगे कितना मुकाबला कर पाते हैं।