जब बहन की जिद के आगे मौत को भी खानी पड़ी मात

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रोंगटे खड़े कर देगी यह घटना
कानपुर। महाराजपुर में गंगा नदी के नागापुर घाट पर एक बहन की जिद के आगे मौत भी हार गई। होली के बाद पूरा शहर जहां भाई दूज का त्योहार मना रहा था और भाई अपनी बहनों का रक्षा का वचन दे रहे थे, वहीं गंगा की लहरों में एक बहन अपने दो मासूम भाइयों को सीने से चिपका कर जिंदगी की रक्षा के लिए जद्दोजहद कर रही थी। आखिर उसके संघर्ष के सामने मौत को भी हारना पड़ा और उसके साथ दो भाइयों की जान बचा ली गई। दरअसल, शनिवार को गंगा की गहराई में किशोरी संग दो मासूम जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रहे थे। जिंदगी कब मौत के आगोश में समा जाए कुछ पता नहीं था, लेकिन एक बहन मौत से लड़ते हुए भाई समेत दो मासूमों को चिपकाए अपने हाथ चलाते हुए मदद की गुहार लगाती रही। तभी फरिश्ते के रूप में आए राजकुमार ने मौत को मात देकर तीनों को सकुशल बाहर निकाल लिया। राजकुमार और कुमकुम की दिलेरी की चर्चा अब पूरे गांव और क्षेत्र में लोगों की जुबां पर है।
महाराजपुर के नागापुर गांव में शनिवार को गांव के दो युवकों के साथ कुछ बच्चे भी गंगा नहाने गए थे। इस दौरान नहाने के दौरान सभी गहराई की ओर चले गए, जहां लगभग 40 फीट गहरा पानी है। गांव के दिनेश, श्यामसुंदर व साक्षी तो गहराई में जाते ही डूब गए। उनके साथ 15 वर्षीय कुमकुम, उसका 10 वर्षीय भाई अरविंद और 11 वर्षीय शिवा भी गहराई में डूबने लगे। इसी दौरान कुमकुम से अरविंद और शिवा लिपट गए। कुमकुम ने भी हिम्मत दिखाई और दोनों को अपने कंधों से चिपकाकर धीरे-धीरे अपने हाथों को चलाकर मदद के लिए चिल्लाती रही। आवाज सुनकर रेती में खेती करने वाले किसान राजकुमार निषाद बीच धारा में कूद पड़े और 40 फीट गहरे पानी से कुमकुम व दोनों बच्चों को लगभग 25 मीटर लंबी जलधारा से बाहर निकालकर ले आए। बाहर आते ही राजकुमार भी शिथिल होकर गिर पड़े और तीनों बच्चे भी सहमे थे। इस बीच गांव के लोगों की भीड़ भी पहुंच गई और डूबे दो युवकों और बच्चे की तलाश करने लगे। वहीं लोगों ने राजकुमार की हिम्मत और कुमकुम के हौसले की सराहना की। राजकुमार ने बताया कि वो तो केवल कुमकुम को डूबता देखकर कूदे थे। बाहर निकलने पर पता चला कि दो बच्चे और हैं जो कुमकुम से लिपटे थे।

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