लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को पक्ष और विपक्ष विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में साथ खड़ा नजर आया और सतीश महाना का सर्वसम्मति से चुनाव किया गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर पक्ष और विपक्ष के सदस्यों का आभार जताया और इसे लोकतंत्र की मर्यादा को मजबूत करने वाला कदम बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने विधानसभा चुनाव में आई कड़वाहट को लेकर कहा कि अभी ज्यादा दिन नहीं बीते जब दोनों पक्ष एक दूसरे पर मिसाइलें दाग रहे थे। सीएम योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा अध्यक्ष को सर्वसम्मति से चुनने के लिए सत्ता पक्ष के साथ, विपक्ष के सभी सदस्यों और नेता विपक्ष अखिलेश यादव का आभार जताया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे शास्त्र प्रेरणा देते हैं कि जब भी महान बनने का कोई अवसर मिले तो हमें इस अवसर से वंचित नहीं होना चाहिए। आपके नाम से तो महाना ही जुड़ा है। स्वभाविक रूप से लोकतंत्र के इस गौरव पूर्ण आसन पर विराजमान होना, किसी भी सदस्य के लिए ना सिर्फ अभिनंदनीय है, बल्कि गौरवपूर्ण भी है। योगी ने कहा, इस पीठ पर एक अनुभवी सदस्य का चयन सबकी अनुमति से हो यह सुखद अनुभूति कराता है, खासकर तब जब उत्तर प्रदेश विधानसभा में मार्च के प्रथम सप्ताह में दोनों ओर से मिसाइलें चल रही थीं। और उस समय हर व्यक्ति एक दूसरे के हमलों से झुलसने से बचने के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयास कर रहा था। लेकिन यह भारत में ही संभव हो सकता है और भारत में भी यूपी में ही कि राजनीतिक मतभेद कितने ही क्यों ना हो लेकिन लोकतंत्र को पुष्ट करने के लिए सर्वानुमति का रास्ता अपनाने और लोकतंत्र की मर्यादा को बनाए रखने के लिए हम मिलकर अभियान को आगे बढ़ाएंगे। सीएम योगी ने पक्ष और विपक्ष को लोकतंत्र के दो पहिए बताते हुए कहा कि दोनों मिलकर यूपी के 25 करोड़ की जनता के सर्वांगीण विकास के कार्यों को भी एक नई ऊंचाई तक पहुंचाकर नए भारत का नया उत्तर प्रदेश बना सकते हैं। सीएम योगी ने कहा कि विधायकों का शपथ ग्रहण भी बेहद सकारात्मक तरीके से हुआ है। उन्होंने कहा कि चुनाव समाप्त हो चुके हैं, अब 25 करोड़ जनता के हित के बारे में सोचना है और काम करने का समय है। सीएम योगी ने कहा, हमने मार्च पहले सप्ताह तक चुनाव प्रचार में देखा कि एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप, आक्षेप और बयानबाजियों को जो दौर चला है, हर दल अपने हिसाब से करता था। लेकिन एक चीज है जो हम जनता और यूपी में देखेते हैं कि जनता कभी नकारात्मकता को स्वीकार नहीं करती। नकारात्मकता के लिए उसके हृदय में स्थान नहीं है। जो सकारात्मक होगा, जो प्रगतिशील होगा, जो लोककल्याण का कारक होगा, जनता उसी को अंगीकार करती है। जो नकारात्मक होगा, हमारे समाज, हमारे देश ने कभी नकारात्मकता को कोई महत्व नहीं दिया। नकारात्मकता जीवन में कभी प्रगति नहीं कर सकती है। सकारात्मकता से ही ना केवल हम प्रगति के मार्ग को आगे बढ़ा सकते हैं, बल्कि लोक कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त कर सकते हैं।