आजमगढ़। नन्हें रोजेदार भी इस तपन के दिन में रोजा रखने में पीछे नही हैं। बड़ो के लिए रोजा फर्ज किया गया हैं। छोटे बच्चों पर रोजा फर्ज नही हैं। लेकिन रोजे की अजमत को बच्चे भी समझ रहे है इसलिए रोजा रखकर अपने खुदा को राजी करने के लिए कठिन धूप को मात दे देते है। यह नन्हा रोजेदार शाहगढ के रहने वाली मासूम नन्ही सिदरा 8 वर्ष पुत्री शमशाद अहमद ने अपनी मां के साथ भोर में जाग कर सेहरी किया और सारा दिन रोजा रखी, नमाज और कुरआन पाक की तिलावत भी कर के अपने माता पिता की ढेरों सारी दुआएं हासिल की।