आजमगढ़। पहले जनता के पास ऐसा कोई हथियार नहीं था जिससे वह अपने क्षेत्र में होने वाले विकास कार्यों पर खर्च होने वाले धन आदि के संबंध में जानकारी हासिल कर सके। लेकिन जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत उन्हें एक हथियार मिला जिससे वह इन जानकारियों को हासिल कर सकते हैं। लेकिन अधिकारियों ने इस हथियार की धार को भोथरा कर दिया है। ऐसे ही कई मामलों में सूचना न देने पर राज्य सूचना आयोग ने जनपद के पाच खंड विकास अधिकारियों पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। जहानागंज विकास खंड के प्रवेश कुमार यादव, पंकज यादव, अनिल कुमार यादव द्वारा विकास खंड के जन सूचना अधिकारी से कुछ बिंदूओं पर सूचना मांगी गई। लेकिन जब उनके द्वारा सूचना नहीं दी गई तो उन्होंने राज्य सूचना आयोग में अपील की। राज्य सूचना आयोग ने सुनवाई के बाद जनसूचना न देने पर तीन मामले में 15-15 हजार रुपये का जुर्माना खंड विकास अधिकारी पर लगाया है। इसी प्रकार पवई विकास खंड के चंद्रेश यादव, अजमतगढ़ विकास खंड के कमलेश कुमार यादव, सुहेल अहमद, रानी की सराय विकास खंड के बलिराम यादव और अतरौलिया विकास खंड के प्रेमनाथ यादव ने भी जन सूचना अधिकारी अधिनियम 2005 के तहत जन सूचना मांगी थी। लेकिन जन सूचना अधिकारी द्वारा उनको सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई। इस पर इन लोगों ने राज्य सूचना आयोग में अपील की। इस पर सुनवाई के बाद आयोग ने सभी खंड विकास अधिकारियों पर 15-15 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इस संबंध में उप्र शासन के उप सचिव रमेश चंद्र मिश्र द्वारा डीएम को इस धनराशि की वसूली कराकर कोषागार में जमा कराने का निर्देश दिया गया है।