सीओ पर बैठाई जांच, जानिए किस मामले को लेकर सख्त हुई हाईकोर्ट फतेहपुर। दलित युवती के अपहरण के मामले में लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट ने आईजी प्रयागराज को तलब कर लिया है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद ताबड़तोड़ कार्रवाई शुरू हो गई। दो उपनिरीक्षकों को निलंबित करने के साथ विवेचक सीओ बिंदकी के खिलाफ जांच के आदेश के दिए गए हैं। तत्कालीन एसओ और एक एसआई पर भी कार्रवाई के लिए प्रयागराज और महोबा के अफसरों को पत्र लिखे गए हैं। रविवार को आईजी ने घटना की जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी है। कल्यानपुर थाना के दलाबला खेड़ा गांव की एक दलित युवती 23 फरवरी 2021 को संदिग्ध हालत में लापता हो गई थी। आरोप था कि गांव का हैप्पी सिंह उसे सूरत ले गया, जहां से उसे गायब कर दिया। युवती के परिजनों ने थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस डेढ़ माह तक टरकाती रही। कई फोरम और अफसरों के शिकायत के बाद पुलिस ने मुश्किल से गुमसुदगी दर्ज की। आरोपित को क्लीन चिट देकर पुलिस परिजनों को रंजिश में फंसाने की धमकी देती रही। सुनवाई न होने पर परिजनों ने 10 नवंबर 21 को हाईकोर्ट में रिट दायर की। 24 नवंबर को कोर्ट ने मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। फिर भी पुलिस ने कुछ नहीं किया। विवेचना में लापरवाही और युवती की बरामदगी न होने पर अदालत ने 13 अप्रैल 22 को आईजी प्रयागराज को तलब कर लिया। अदालत का आदेश आते ही रविवार को आईजी प्रयागराज राकेश सिंह कल्यानपुर थाने पहुंचे और पूरे मामले की जांच की। एसपी राजेश कुमार सिंह ने बताया, विवेचना में लापरवाही बरतने पर सीओ बिंदकी योगेन्द्र सिंह मलिक के खिलाफ जांच बैठाई गई है। एसआई यशकरन सिंह व संजीव कुमार को निलंबित कर दिया गया है। तत्कालीन कल्याणपुर एसओ रहे केशव वर्मा (वर्तमान में प्रयागराज) और एसआई महेन्द्र वर्मा (वर्तमान में महोबा) को निलंबित करने के लिए पत्र लिखे गए हैं।