दारोगा सस्पेंड, 2 सिपाही किये गए लाइन हाजिर लखनऊ। केजीएमयू परिसर में सोमवार को चौक कोतवाली के सब इंस्पेक्टर व दो सिपाहियों ने जूनियर डॉक्टर और उनकी महिला मित्र को टहलता देखकर अपशब्द कहे। उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। पुलिसकर्मियों ने डॉक्टर को धमकाया और फर्जी मुकदमे में फंसाने की बात कहकर रुपये वसूलने की कोशिश की। जूनियर डॉक्टर की सूचना पर वहां कई मेडिकल छात्र पहुंच गये थे। छात्रों को एकजुट होता देखकर पुलिसकर्मी वहां से भाग निकलेे। केजीएमयू प्रशासन से इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस अफसरों ने जांच की तो पुलिसकर्मी दोषी मिले। इसके बाद ही एसीपी चौक आईपी सिंह की रिपोर्ट पर बुधवार रात आरोपित सब इंस्पेक्टर अशोक कुमार को निलम्बित कर दिया गया जबकि सिपाही चंदन व रमन को लाइन हाजिर कर दिया गया। पीड़ित ने इस मामले में एफआईआर नहीं दर्ज करायी है। एसीपी चौक आईपी सिंह के मुताबिक सोमवार रात डॉक्टर अपनी परिचित महिला के साथ परिसर में टहल रहे थे। इसी दौरान दरोगा अशोक, सिपाही रमन व चंदन के साथ वहां पहुंचे थे। रात में महिला और डॉक्टर को घूमते देख तीनों पुलिसकर्मियों ने अपशब्दोंकहे। डॉक्टर ने आपत्ति जतायी पर दरोगा अशोक और सिपाही कुछ सुनने को तैयार नहीं थे। डॉक्टर ने मोबाइल फोन से साथियों को घटना की जानकारी दी थी। मेडिकल छात्रों को वहां आता देख पुलिसकर्मी घबराकर भाग निकले थे। आरोप लगाया गया है कि केजीएमयू में गश्त के बहाने महिला और डॉक्टर से अभद्रता करने वाला दरोगा अशोक, सिपाही चंदन और रमन रुपये वसूलना चाहते थे। उन्होंने डॉक्टर को फोन भी छीन लिया था। इतना ही नहीं दरोगा ने डॉक्टर से रुपये भी मांगे थे। पुलिसकर्मियों ने कहा था कि अगर रुपये नहीं दिए तो किसी भी मुकदमे में फंसा कर जेल भेज दिया जायेगा। इससे तुम्हारा पूरा कैरियर खतरे में पड़ जाएगा। एसीपी के मुताबिक पुलिस कर्मियों पर लगे गम्भीर आरोपों के बारे में छानबीन कराई गई थी। मामला सही पाए जाने पर इस आधार पर ही तीनों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई थी। इसके बाद पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने कार्रवाई कर दी।