देवी मंदिरों में उमड़ा आस्था का सैलाब रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’ आजमगढ़। सनातन परंपरा के अनुसार चैत्र नवरात्र के प्रथम दिन शनिवार को जनपद के समस्त देवी मंदिरों में विराजमान शक्ति स्वरूपा की पूजा-आराधना श्रद्धा भाव से की गई। घरों में भी देवी अर्चना के लिए कलश स्थापन एवं दुर्गा सप्तशती पाठ का आयोजन पूरे धूमधाम से किया गया। इस अवसर पर जनपद के प्रसिद्ध देवी मंदिरों पर मानो आस्था का सैलाब उतर आया हो। नवरात्र के प्रथम दिन देवी शैलपुत्री के पूजा-अर्चना का विधान है। शनिवार को शुरू हुए नवरात्रि के पहले दिन आस्थावानों ने व्रत धारण कर देवी की आराधना पूरे श्रद्धा भाव से की। इसके लिए भोर से ही श्रद्धालुओं की भीड़ देवी मंदिरों की ओर चल पड़ी। मंदिरों में माता के जयकारे से पूरा क्षेत्र गुंजायमान हो रहा था। घंटा और घड़ियाल की आवाजों के बीच माता के जयकारे लग रहे थे। देवी मंदिरों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लोगों को पंक्तिबद्ध दर्शन करने का क्रम जारी रहा। मंदिरों में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। जनपद के सुविख्यात देवी मंदिरों में शुमार निजामाबाद स्थित शीतला माता मंदिर, फूलपुर क्षेत्र स्थित बुढ़िया माई मंदिर, पल्हना धाम स्थित मां पाल्हमेश्वरी मंदिर ,चंडेश्वर स्थित दुर्गा मंदिर, सगड़ी क्षेत्र में धनछुला स्थित कालिका मंदिर, अजमतगढ़ बाजार स्थित शीतला मंदिर, बरदह क्षेत्र में महुजा नेवादा स्थित अठरही माता मंदिर, नगर क्षेत्र में मुख्य चौक स्थित दक्षिणमुखी माता मंदिर, रैदोपुर स्थित दुर्गा मंदिर, पुरानी कोतवाली स्थित देवी मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में मानो आस्था का समुन्दर हिलोरें ले रहा हो। देवी आराधना के लिए उमड़े आस्थावान माता रानी के समक्ष शीश झुका कर परिवार के मंगलमय जीवन की कामना करते नजर आए। श्रद्धालुओं की भीड़ में सर्वाधिक संख्या नारीशक्ति की नजर आई। मंदिरों में लोग कतारबद्ध होकर देवी दुर्गा के चरणों में नारियल-चुनरी पुष्प माला अर्पित कर हिन्दू नवसंवत्सर के प्रथम दिन को श्रद्धाभाव से मनाते दिखे। चौत्र नवरात्र के पहले दिन तमाम घरों में पुरोहितों के माध्यम से वैदिक मंत्रोच्चार के साथ कलश स्थापन एवं दुर्गा सप्तशती का पाठ का आरंभ किया गया। लगभग दो वर्ष तक चले कोरोना काल की समाप्ति के बाद आए इस पूनीत अवसर पर देवी अराधना के लिए इस नवरात्र बेला में श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखने को मिला।