आदित्या यादव के दम पर भारत ने ब्राजील ओलिंपिक में बैडमिंटन में जीता गोल्ड

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12 वर्ष की उम्र में बैडमिंटन में गोल्ड जीतकर रच दिया इतिहास

गोरखपुर। ब्राजील ओलिंपिक के मूकबधिर वर्ग में गोरखपुर में खेल प्रेमियों के बीच बैडमिंटन की गोल्डन गर्ल के नाम से मशहूर आदित्या यादव ने महज 12 वर्ष की उम्र में बैडमिंटन में गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया। उन्होंने सेमीफाइनल में चीनी ताइपे और फाइनल में जापान को दी शिकस्त देकर यह उपलब्धि हासिल की है। निर्णायक मैच में जीत दिलाकर टीम को चैंपियन बनाया। भारतीय समयानुसार गुरुवार को तड़के साढ़े तीन बजे फाइनल व बुधवार की रात करीब साढ़े नौ बजे जीता था सेमीफाइनल। अब छह मई मई को सिंगल, सात को डबल्स और आठ को मिक्स डबल्स में आगाज करेंगी।

सेमीफाइनल में चीन व फाइनल में जापान को दी शिकस्त-गत 26 से 28 फरवरी तक नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयोजित नेशनल सेलेक्शन ट्रायल में हुआ था। बैडमिंटन के ट्रायल में कुल 16 महिला खिलाड़ियों ने क्वालीफाई किया था। इनमें आदित्य समेत चार महिला खिलाड़ियों का चयन ब्राजील ओलंपिक के लिए हुआ था। आदित्या नवंबर में आयोजित स्टेट चैंपियनशिप की विजेता रही हैं। फरवरी में ही ओलंपिक के लिए नेशनल चैंपियनशिप होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी के कारण टाल दी गई। विभिन्न प्रदेशों की चैंपियन का नेशनल सेलेक्शन ट्रायल कराया गया। यहां चार-चार महिला खिलाड़ियों का पूल बनाकर उनके बीच मैच कराया गया।

अपने पूल के सभी तीन मैच जीते-आदित्या ने अपने पूल में तीन मैच खेले और तीनों जीतने में सफल रहीं। जिसके बाद उनका चयन ब्राजील ओलिंपिक के मूकबधिर वर्ग के लिए हो गया।

बेटी की सफलता पर पिता को गर्व-आदित्या के पिता दिग्विजयनाथ यादव रेलवे में बैडमिंडन के कोच हैं। उन्होंने आदित्या को निखारा है। वे कहते हैं कि उन्हें अपनी बेटी की सफलता पर गर्व है। खुशी से भावुक पिता दिग्विजय कहते हैं कि आदित्या शुरू से ही जुनूनी रही है। इसी जुनून की बदौलत आज वह इस मंजिल तक पहुंची है।

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