बसपा मंडल प्रभारी पर युवती ने लगाए गंभीर आरोप

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कहा शादी के 3 दिन पहले अपहरण कर बेच दिया
झांसी। बहुजन समाज पार्टी के झांसी एवं चित्रकूट धाम मंडल प्रभारी (बुंदेलखंड प्रभारी) लालाराम अहिरवार कानूनी केस में फंस गए हैं। एक लड़की ने उनपर दो साथियों के साथ मिलकर उसकी शादी से 3 दिन पहले किडनेप कर एक लड़के को बेचने का आरोप लगाया है।


लड़की के बयान पर पुलिस ने चाराें आरोपियों को केस में नामजद किया है। लेकिन अब लड़की ने मीडिया के सामने आकर गैंगरेप होने का भी आरोप लगाया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने मामले को गंभीरता से लेते हुए पूर्व मंत्री गयाचरण दिनकर को लखनऊ तलब कर मामले की रिपोर्ट तलब की है।
सहेलियों को निमंत्रण कार्ड बांटने गई थी
टहरौली थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी 19 साल की लड़की बीए में पढ़ती है। उसकी 21 अप्रैल को शादी होनी थी। छात्रा के अनुसार, 18 अप्रैल को वह सहेलियों को निमंत्रण कार्ड बांटने के लिए टहरौली गई थी। आरोप है कि लालाराम अहिरवार, मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ जिले के बिलगाय निवासी नीरज व अंकित उसे किडनेप करके ले गए। तीन दिनों तक राजगढ़ में लालाराम अहिरवार के घर पर रखा। फिर दतिया के पठारी निवासी आशु को बेच दिया।
छात्रा का आरोप है कि आशू ने शादी करने का दबाव बनाया। नहीं करने पर जान से मारने की धमकी दी। तब 30 अप्रैल को उसने ओरछा में आशु से शादी कर ली। आरोपियों ने उसका मोबाइल छीन लिया था। शादी के बाद आशु ने उसे अपने मोबाइल को पासवर्ड बता दिया था। 6 मई को आशू का मोबाइल चार्ज पर लगा था। मौका मिलते ही उसने पिता को फोन कर सारी घटना की जानकारी दी। इसके बाद पिता लोगों को लेकर पठारी गांव पहुंचे और उसे मुक्त कराया। इसके बाद उसके कोर्ट में बयान दर्ज कराए गए थे।
पीड़िता का कहना है कि चूंकि शादी की सारी तैयारी हो चुकी थी। अपहरण के अगले दिन ही तेल चढ़ाई की रस्म थी। लड़की का कोई सुराग नहीं लगा तो पिता ने उसकी जगह छोटी बहन की शादी कर दी थी। कोर्ट में बयान होने के बाद केस में सोमवार को नया मोड़ आ गया। अब लड़की ने गैंगरेप होने का आरोप भी लगाया है।
मामले में एसपी ग्रामीण नैपाल सिंह का कहना है कि लड़की के बयान पर लालाराम अहिरवार, नीरज, अंकित और आशु को आरोपी बनाया गया है। लड़की ने कोर्ट में दिए 164 के बयान में रेप या गैंगरेप की बात नहीं कही है। सारे तथ्यों को ध्यान में रखते हुए मामले की जांच की जा रही है। जो भी सच्चाई सामने आएगी, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
बसपा के लालाराम का शुरू से ही विवादों से नाता रहा है। लेकिन पार्टी में बड़े नेताओं तक पैठ होने के कारण उनका कद लगातार बढ़ता चला गया। पिछले नगर निगम चुनाव में उन पर पार्षदों के टिकट बेचने के आरोप लगे थे औैर आक्रोशित लोगों से नामांकन के दौरान ही कहासुनी हुई थी। वे कुछ दिनों पार्टी से बाहर रहे और बाद में फिर वापस आ गए। बाद में वह को-ऑडिनेटर के पद पद रहे और विधानसभा चुनाव टिकट वितरण में निर्णायक भूमिका निभाई। उन पर विधानसभा चुनाव में भी टिकट का आश्वासन देकर रुपए हड़पने के आरोप लगे थे। पुलिस को इसकी तहरीर भी दी गई थी।

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