आजमगढ़: ‘प्रयास’ की मदद से होंगे बिटिया के हाथ पीले

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दहेज का सामान लेकर पहुंचे कार्यकर्ताओं को देख छलक पड़े परिजनों के आंसू
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आजमगढ़। ‘मुल्ला न पंडित के अरमान में रहता हूं, मैं तो बस गरीबों की मुस्कान में रहता हूं’ किसी शायर के इस मर्मस्पर्शी सोच को चरितार्थ कर रहे सामाजिक संगठन प्रयास की मदद से दिव्यांग पति और पुत्र की वजह से लाचार मां सावित्री की बेटी के हाथों में मेंहदी भी सजेगी और दरवाजे से धूमधाम से डोली भी उठेगी। यह सबकुछ होगा प्रयास संस्था के उन कर्मवीरों की पहल से, जिनसे समाज के लोगों विशेषकर युवाओं को प्रेरणा लेनी चाहिए।
हालांकि आधुनिकता के इस युग में दहेज लेना और देना दोनों अभिशाप बन चुका है। बाबुल के घर से पिया के घर की दहलीज पर कदम रखने वाली बेटी को विदा करते वक्त वधू पक्ष द्वारा नई गृहस्थी बसाने के लिए जो गृहोपयोगी सामान बेटी को देने की पुरातन परंपरा रही है, उसका समुचित निर्वहन भी जरूरी है लेकिन आज समाज में यह व्यवस्था कोढ़ में खाज का रूप लेती जा रही है। खैर इस गंभीर विषय बात लंबी खींच जाएगी। बताते चलें कि जनपद के देवारांचल में स्थित चकनायक गांव निवासी चंद्रभान व उनके पुत्र दोनों दिव्यांग हैं। गृहस्थी संभालने की जिम्मेदारी चंद्रभान की पत्नी सावित्री देवी के कंधों पर है, जो मजदूरी करके परिवार के सदस्यों का पेट भरती है। ऐसे में उसकी जवान हो रही बेटी के हाथ पीले करने की चिंता सताने लगी। इसके लिए वह सहयोग लेने के लिए दर-दर भटक रही थी। इस बात की जानकारी सगड़ी क्षेत्र में समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय संगठन प्रयास के सदस्यों को मिली और उन्होंने लाचार परिवार की पारिवारिक स्थिति के बारे में जाना। परिवार की माली हालत ठीक न होने और घर के पुरुष सदस्यों की दिव्यांगता के चलते एक बेटी की डोली न उठ सके यह भी समाज के लिए बड़ी चुनौती थी। कार्यकर्ताओं ने यह बात अपने वरिष्ठ पदाधिकारियों को बताया और उनकी पहल से बेटी के लिए दहेज जुटाने का इंतजाम शुरू हो गया। इस पुनीत कार्य की जानकारी के बाद क्षेत्र के तमाम मददगार भी बढ़-चढ़कर शामिल हुए। बिटिया की शादी की तैयारी में जुटे कार्यकर्ताओं द्वारा फैलाई गई झोली समाज के लोगों के सहयोग से भर्ती गई और मंगलवार को प्रयास के कार्यकर्ता दहेज के लिए जुटाए गए गृहस्थी के सामान तथा क्षेत्र के सब्जी व्यवसायियों द्वारा बारातियों के आवभगत के लिए प्रदान की गई सब्जियों की खेप लेकर चक नायक गांव पहुंच गए भारी भरकम सामानों की लंबी फेहरिस्त और खाद्यान्न के साथ पहुंचे कार्यकर्ता इस गरीब परिवार के लिए देवदूत सरीखे दिखने लगे कार्यकर्ताओं के उत्साह एवं दरवाजे पर रखिए दहेज के सामान को देख इस गरीब परिवार के सदस्यों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। यह सब देख भावुक हो चली मजबूर मां सावित्री देवी कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए ईश्वर से उनके लिए आशीष भी मांगा। संगठन के जिलाध्यक्ष रणजीत सिंह ने बताया कि संस्था द्वारा आज 37वीं बेटी के विवाह कराने का सफल प्रयास आमजन के सहयोग से साकार हुआ है। कन्यादान के परम कार्यक्रम में प्रयास संस्था के देवारांचल इकाई से डा० बृजराज प्रजापति, अरविंद, विजय, सुनील व पुष्पा के साथ ही केंद्रीय इकाई के डा० वीरेंद्र पाठक व सुनील यादव सहित अन्य कार्यकर्ताओं की भूमिका सराहनीय रही।

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