बेनकाब होंगे जेल के खेल में शामिल सफेदपोश चेहरे आजमगढ़। मंडलीय कारागार में चार घंटे की छापेमारी में बरामद 12 मोबाइल समेत आपत्तिजनक सामान तो प्रथम अध्याय रहा। अब सनसनीखेज मामले में बंदियों के खिलाफ केस दर्ज होने के साथ ही शुरू हुए दूसरे अध्याय ने कई लोगों की नींद उड़ा दी है। दरअसल, 12 मोबाइल में लगे सिम जल्द ही ऐसे-ऐसे राज खोलेंगे कि बाहर घूम रहे कई सफेदपोश चेहरों की जगह जेल के बैरक में होगी। छानबीन प्राइमरी स्टेज में होने के बावजूद जेल से चल रहे खेल में बाहर से भूमिका निभा रहे लोगों में अंदरखाने में खलबली है। मंडलीय जिला कारागार के इतिहास पर गौर करें तो कंपा देने वाला है। यहां का माफिया गठजोड़ कुछ ऐसा कि वर्ष 2005 में जेलर रहे दीप सागर की कोतवाली और जेल के मध्य स्थित गेट के समीप गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसके बाद नई जेल का 41.246 एकड़ में निर्माण हुआ। सरकार ने करोड़ों रुपये खर्च कर अत्याधुनिक उपकरणों के जरिए सुरक्षा बंदोबस्त का किया। ऐसा नहीं कि सारी चीजें हवा में रहीं हों, कई मामले में पुलिस ने केस भी दर्ज किया। छानबीन में क्या हुआ, उसके बारे में जरूर पता नहीं चल पाया। मेरठ के एसएसपी ने एक केस के खुलासे में बाकायदा आजमगढ़ जेल के क्रियाकलापों पर सवाल उठाया था। उसके बाद जौनपुर के एसपी ने भी उसे दोहराया। अबकी सरकार के रुख के लिहाज से जरूर माफिया, सफेदपोशों को ठिकाने तक पहुंच जाने की संभावना दिख रही है। उसकी राह खोलेगा मंडलीय कारागार में बरामद सिम लगे 12 मोबाइल। सिम के जरिए काल डिटेल रिकार्ड निकाले गए तो निश्चित तौर पर चौंकाने वाले परिणाम सामने आएंगे। हालांकि, पुलिस इस बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता रही है। एसपी सिटी शैलेंद्र लाल ने जरूर एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कड़ी कार्रवाई के संकेत दिए हैं।