आजमगढ़: सोशल मीडिया के माध्यम से लोग हो रहे ठगी का शिकार

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साइबर सेल के एसपी के नाम से आते हैं फोन, जेल भेजने की दी जाती है धमकी
जनपद के दर्जनों लोग हो चुके हैं शिकार, बदनामी के डर से साधे हैं चुप्पी
रिपोर्ट-वेद प्रकाश सिंह ‘लल्ला’
आज़मगढ़। मोबाइल फोन की दुनिया का सबसे बड़ा सोशल मीडिया प्लेटफार्म है फेसबुक। जो सात समुंदर पार तक के लोंगो से जान-पहचान बढ़ाने का शसक्त माध्यम है। आजकल बड़ी संख्या में फेसबुक चलाने वाले लोग तेजी से ठगी का शिकार हो रहे हैं। हालात यह है कि लोग साइबर अपराधियों के चंगुल में फंस जाने के बाद खुद को ठगी का शिकार होना महसूस करते हैं। इस मामले में मौन रह जाना उनकी मजबूरी बन जाती है। इन दिनों बरदह थाना क्षेत्र के दर्जनों फेसबुक यूजर इसके शिकार हो कर मौन धारण कर चुके हैं। इतना ही नहीं शिकार लोगों को साइबर सेल के एसपी के नाम फोन आते हैं और जेल भेजने की धमकी भी दी जाती है।
नाम न छापने की शर्त पर साइबर ठगी का शिकार हो चुके युवक ने बताया कि फेसबुक पेज पर एक सेक्शन है मैसेंजर। मोबाईल का नेट आन करते ही मैसेंजर पर टिन की आवाज आती है। उस कालम में एक खूबसूरत युवती की फोटो होती है, जो आप से फ्रैंड रिक्वेस्ट की बात करती है। आप की तरफ से कन्फर्म होते ही वह मैसेंजर पर काल करती है। कई बार फोन आता-जाता है। आप के घुलने-मिलने या बात करने के बाद वह आप का वाट्सएप नम्बर मांगती है। न चाहते हुए भी लोग उसे वाट्सएप नंबर दे देते हैं। अगले ही दिन या थोड़ी देर बाद उस युवती का काल आ जाता है और रात के वक्त वह आपसे अपना चेहरा व शरीर वाट्सएप के कैमेरे के सामने लाने का अनुरोध करती है। आप के ऐसा करते ही वह अपने वस्त्रो व अंगों के प्रदर्शन के साथ ही अपने हाव -भाव से आप को उत्तेजित करती है। उन्माद में बहकर फेसबुक यूजर वह सब करता जाता है जैसा वह कहती है और सारी क्रिया को रिकार्डिग कर लेती है। थोड़ी देर बाद जब आप का वीडियो उस महिला के कम्प्यूटर पर अपलोड हो जाता है तो तत्काल मैसेज आता है कि आप का वीडियो फेसबुक और यूट्यूब पर अपलोड होगा और आप के रिश्तेदारो व दोस्तो में भेजा जाएगा। आप जब विरोध करते हैं तो अगले ही दिन सुबह आपके मोबाइल पर काल आएगी की मैं दिल्ली के साइबर अपराध शाखा से बोल रहा हूं, आप ने लड़की से वाट्सएप पर अश्लील चौटिंग किया है। और फिर शुरू होता है समझौते का खेल। उधर से बैंक खाता नवम्बर भेजा जाता है। साइबर क्राइम के शिकार लोग बताए गए खाता नम्बर में चुप चाप पैसे जमा कर देते हैं। पांच लाख से शुरू डिमांड पर पांच हजार में समझौता हो जाता है। यह सब कुछ कम्प्यूटर के खेल का परिणाम होता है। अब तक कई लोग इस तरह की ठगी के शिकार हो चुके हैं। अक्सर पुलिस विभाग के साइबर सेल के माध्यम से लोगों को किसी अनजानी काल व फेसबुक पर फ्रेंडशिप न करने की सलाह दी जाती है। इन सब सावधानियों के बाद भी लोंगों के ठगे जाने का क्रम जारी है।

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