दलित शिक्षिका के साथ प्रिंसिपल बनाने के नाम पर शोषण करने का है आरोप मऊ। अनुसूचित जाति जनजाति की विशेष अदालत के न्यायाधीश ललिता गुप्ता ने रानीपुर थाना क्षेत्र में दलित के साथ दुराचार करने के मामले में इसी थाना क्षेत्र के फत्तेपुर निवासी आरोपी प्रबंधक आलोक कुमार की जमानत अर्जी खारिज कर दिया। विशेष न्यायाधीश ने यह आदेश बचाव पक्ष और विशेष लोक अभियोजक सत्येंद्र नाथ राय, अखिलेश कुमार सिंह के तर्कों को सुनने तथा केस डायरी का अवलोकन करने के बाद पारित किया। मामला रानीपुर थाना क्षेत्र का है। न्यायालय में पीड़िता ने अपने कथन में बताया कि उसकी सहायक अध्यापिका के पद पर एक इंटर कालेज में नियुक्ति हुई थी। वादिनी 6 जुलाई 2022 को ज्वाइन करने के लिए अपने भाई के साथ विद्यालय पहुंची तो आरोपी प्रबंधक ने अपने कमरे में बैठाया व पांच साल बाद प्रिंसिपल बनाने का झांसा देकर सम्बंध बनाने की बात कही। पीड़िता द्वारा अस्वीकार करने पर धमकाने के साथ ही गंदी हरकत करने लगा। यही नहीं आरोपी ने पीड़िता के भाई को फोटो स्टेट कराने भेजकर उसके साथ दुराचार किया और पीड़िता को जबरदस्ती अपने गिरफ्त में कर लिया था। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि आरोपी ने वेतन देने के बदले भी उससे पैसे लिए थे। साथ ही साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए लगातार शोषण करता रहा। पूरे मामले पर दोनों पक्षों के बहस को सुनने के बाद अनुसूचित जाति-जनजाति की विशेष अदालत के न्यायाधीश ललिता गुप्ता ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।