जर्जर भवन का कई साल से नहीं खुला है ताला गांव के लोगों द्वारा बांधे जा रहे मवेशी विभाग द्वारा नियुक्त एएनएम का पत्र भी रद्दी की टोकरी में रिपोर्ट-आरपी सिंह आजमगढ़। स्वास्थ्य विभाग की उदासीनता का आलम यह है कि जहां ग्रामीणों को स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मिलनी चाहिए वहां पर मवेशियों का बसेरा बन गया है। देखने पर स्वास्थ्य केंद्र की जगह पशुशाला दिखायी देता है। ग्रामीणों द्वारा एएनएम सेंटर पर पशुओं के लिए किए गए कब्जे को लेकर एएनएम की हिम्मत नहीं पड़ती कि वह भवन में जाकर बैठ सके।
ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए लाखों खर्च कर अमरेथू गांव में एएनएम केंद्र का निर्माण कराया गया। विभाग द्वारा सही ढंग से देख-रेख न किए जाने के कारण केंद्र खुद का अस्तित्व बचाने को जूझ रहा है। केंद्र की कई खिड़कियां और दरवाजे गायब हैं। जो भी कमरे खुलें हैं, वह पशुशाला का रूप ले चुके हैं। गांव के कुछ लोगों द्वारा कमरे में मवेशी बांधे जा रहे हैं। भवन के अगल-बगल झाड़ियां उग गयी हैं। जिसके चलते ग्रामीणों को स्वास्थ्य सुविधाएं सही ढंग से नहीं मिल पा रही हैं। विभाग द्वारा उक्त केंद्र पर एएनएम मीना क्रांति सिह की नियुक्ति की गई है। एएनएम ने बताया कि कई बार इसकी शिकायत विभागीय उच्चधिकारियों से की जा चुकी है। साफ-सफाई और मरम्मत हो जाती तो केंद्र खुलता। रात्रि विश्राम की बात छोड़ें यहां दिन में भी बैठने योग्य नहीं है जिससे लोगों को समय से स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती रहतीं।
इस संबंध में ग्रामप्रधान उमाशंकर यादव ने बताया कि कई साल से भवन में ताला बंद पड़ा है। भवन की दशा काफी खराब है। गन्दगी के चलते जहरीले जानवर भी अपना डेरा बनाए हुए हैं। वहीं चिकित्साधीक्षक फूलपुर डीएस यादव से पूछने पर बताया गया जर्जर एनम सेंटरों की मरम्मत के लिए शासन स्तर पर पत्र व्यवहार किया गया है। शासन का निर्देश मिलते ही केंद्र की मरम्मत कराई जाएगी।