सब इंसपेक्टर शैलेन्द्र सिंह को आजीवन कारावास की सजा

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कचहरी परिसर में अधिवक्ता को सीने में मारी थी गोली
रायबरेली। इलाहाबाद कचहरी न्यायालय परिसर में दिनदहाड़े अधिवक्ता नबी अहमद की गोली मारकर हत्या करने के आरोपी को साढ़े सात वर्ष बाद सजा मिल गई। जिला जज अब्दुल शाहिद ने घटना को अंजाम देने वाले एसआई शैलेंद्र सिंह को आजीवन कारावास के साथ ही बीस हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। इसके साथ ही आदेश दिया है कि जो अर्थदंड जमा होगा उसमें से दस हजार रुपये वादी मुकदमा को दिया जाएगा। प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता अजय मौर्या ने बताया कि इलाहाबाद जनपद के हल्दी खुर्द निवासी मोहम्मद शाहिद ने कर्नलगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 11 मार्च 2015 को न्यायालय परिसर इलाहाबाद में उसके बेटे अधिवक्ता नबी अहमद की गोली मारकर एसआई शैलेंद्र सिंह ने हत्या कर दी है। घटना के समय वह अपने छोटे पुत्र नफीस अहमद के साथ न्यायालय में अपने बेटे नबी से मिलने से मिलने न्याय भवन जा रहा था। तभी देखा कि न्याय भवन की सीढ़ियों पर दरोगा शैलेंद्र सिंह ने अपनी सर्विस पिस्टल से उसके बेटे के सीने में गोली मार दी।
इसके बाद उक्त दरोगा हवा में फायर करता हुए भाग निकला। इस घटना को राशिद सिद्दीकी ने षडयंत्र रचकर कराया क्योंकि मेरे बेटे नबी ने राशिद सिद्दीकी के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई थी जिसमें दरोगा ने एफआर लगाकर उसकी मदद की थी। विवेचक ने मामले की जांच कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया है।
न्यायालय में प्रभारी जिला शासकीय अधिवक्ता ने तर्क प्रस्तुत किए। वहीं बचाव पक्ष की ओर से षडयंत्र रचने आरोपी राशिद सिद्दीकी ओर से अधिवक्ता रामबरन सिंह ने व आरोपी शैलेंद्र सिंह के अधिवक्ता ने अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किए। जिला जज ने साक्ष्य के अभाव में षडयंत्र रचने के आरोपी को बरी कर दिया था जबकि आरोपी शैलेंद्र को हत्या का दोषी पाया था।
शुक्रवार को जिला जज ने सजा के बिंदु पर आरोपी एसआई शैलेंद्र के अधिवक्ता के तर्कों को सुना और हत्या का दोषी करार देते हुए आजीवन करावास व बीस हजार रुपये अर्थदंड से दंडित किया है। साथ ही आदेश दिया है कि अर्थदंड जमा होने पर दस हजार रुपये वादी मुकदमा मोहम्मद शाहिद को दिया जाए।

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