आजमगढ़: रामअवतार हत्याकांड में पति-पत्नी को आजीवन कारावास
By -Youth India Times
Wednesday, September 07, 2022
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दोनों दोषियों पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगा सिधारी क्षेत्र के मूसेपुर में 19 वर्ष पूर्व पैसे को लेकर हुई थी हत्या आजमगढ़। सिधारी थाना क्षेत्र के मूसेपुर में लगभग 19 वर्ष पूर्व हुए रामअवतार यादव हत्याकांड के मुकदमे में सुनवाई पूरी करने के बाद अदालत ने दो आरोपितों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही कोर्ट ने दोनों आरोपितों पर दस-दस हजार रुपए जुर्माना भी लगाया। यह फैसला अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रेक कोर्ट नंबर दो सौरभ सक्सेना ने बुधवार को सुनाया। अभियोजन कहानी के अनुसार वादी मुकदमा राम अवध यादव निवासी मूसेपुर थाना सिधारी के पिता इंद्रजीत यादव पोस्ट ऑफिस से मार्च 2003 में रिटायर हुए थे। वादी मुकदमा चार भाई थे। जिसमें सबसे बड़े भाई दीनदयाल अलग रहते थे। दीन दयाल तथा उनकी पत्नी सुभावती को यह संदेह था कि पिता इंद्रजीत के रिटायर होने के बाद उनके फंड का पैसा दूसरे नंबर के भाई राम अवतार ने ले लिया है। इसी बात की रंजिश को लेकर दीनदयाल के नाबालिग लड़के ने 7 जुलाई 2003 को राम अवतार को जान से मारने की धमकी दी थी। दूसरे दिन 8 मार्च को रात लगभग साढ़े आठ बजे जब राम अवतार दुकान बंद करके घर वापस आ रहे थे, तब घर से थोड़ी देर पहले ही दीनदयाल तथा सुभावती के ललकारने पर उनके नाबालिग पुत्र ने राम अवतार को गोली मार दी। जिससे मौके पर ही राम अवतार की मृत्यु हो गई। पुलिस ने जांच पूरी करने के बाद तीनों आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट न्यायालय में प्रस्तुत कर दिया। नाबालिग आरोपी की पत्रावली किशोर न्याय बोर्ड भेज दी गई। अभियोजन पक्ष की तरफ से सहायक शासकीय अधिवक्ता अभय दत्त गोंड ने रामअवध यादव, इंद्रजीत यादव, लल्लन यादव, डॉक्टर पी एन नाडर, उपनिरीक्षक नागेश मिश्रा, कांस्टेबल रामबचन राम तथा उप निरीक्षक लंबोदर प्रसाद को बतौर साक्षी न्यायालय में परीक्षित कराया। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी दीनदयाल उर्फ रामदयाल यादव तथा सुभावती यादव को सश्रम आजीवन कारावास तथा प्रत्येक को दस- दस हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई।