भाजपा सरकार को लिया निशाने पर, सीएम योगी के फैसलों पर उठाया सवाल बस्ती। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर इन दिनों सावधान यात्रा लेकर निकले हैं। गुरुवार को उनकी यात्रा बस्ती पहुंची। यहां उन्होंने एक जनसभा को भी संबोधित किया। जनसभा के दौरान राजभर ने कई ऐसी बातें कहीं जिसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। राजभर ने जातिवार जनगणना की मांग की। यह भी कहा कि भूमिहीनों पर माफिया की तरह कार्रवाई हो रही है। उन पर बुलडोजर चलाया जा रहा है। इसके अलावा यह भी कहा कि अरबपतियों का कर्जा माफ हो रहा है तो गरीबों का क्यों नहीं हो रहा है। पिछले कुछ दिनों से राजभर केवल विपक्षी दलों पर हमलावर दिखाई देते रहे हैं। उनका बीजेपी प्रेम भी रह-रह कर नजर आता रहा है। राष्ट्रपति के चुनाव में तो वह अपने गठबंधन के साथी सपा को छोड़कर भाजपा के पाले में ही खड़े हो गए थे। ऐसे में कयास लगाया जाता रहा कि वह कभी भी यूपी की भाजपा सरकार में अब शामिल हो सकते हैं। इस बीच गुरुवार को उन्होंने जो बातें कहीं उसके कई अर्थ निकाले जा रहे हैं। अभी तक भाजपा जातिवार जनगणना का विरोध करती रही है लेकिन राजभर ने कहा कि अति पिछड़ों को उनका हक दिलाने के लिए जातिवार जनगणना होनी चाहिए। इसके लिए पार्टी स्तर पर लगातार प्रयास हो रहा है। यही नहीं, राजभर ने बुलडोजर की कार्रवाई पर भी सवाल उठाया। कहा कि ग्राम समाज आदि की जमीनों पर झोपड़ी आदि बनाने के चलते भूमिहीनों पर माफिया के तौर पर कार्रवाई की जा रही थी। कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर इस तरह की कार्रवाई रोकने की मांग की है। राजभर ने यह भी कहा कि अरबपतियों का बीमारी के नाम पर कर्जा माफ कर दिया जा रहा है। गरीबों का भी माफ होना चाहिए। राजभर ने कहा कि उत्तर प्रदेश के राजभर समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिले। इसके लिए वह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिले हैं और प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेज दिया है। सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि सावधान रथयात्रा लखनऊ से 26 सितम्बर को शुरू होकर बाराबंकी, फैजाबाद, अंबेडकरनगर, बनारस, आजमगढ़ होते हुए बस्ती पहुंची है। यह यात्रा राजभर समाज के लोगों को जागरूक करने के लिए निकली है। उन्होंने कहा कि सभी को एक समान शिक्षा मिलनी चाहिए। किसी को क से कबूतर पढ़ाया जा रहा है तो किसी को क से कम्प्यूटर की सीख दी जा रही है। अब सभी को क से कम्प्यूटर ही पढ़ाया जाना चाहिए। नई शिक्षा नीति के तहत उनकी मांग है कि कक्षा चार से ही रोजगारपरक शिक्षा दी जानी चाहिए।