1998 में लोकसभा चुनाव से एक दिन पहले मुलायम सिंह की रणनीति से गिरी थी प्रदेश सरकार
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Monday, October 10, 2022
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लखनऊ। सपा संरक्षक व पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव का पश्चिम उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में सबसे गहरा नाता संभल जिले से रहा है। 2011 से पहले तक संभल मुरादाबाद जिले का हिस्सा हुआ करता था लेकिन संसदीय क्षेत्र संभल ही था। तब संभल के लोकसभा क्षेत्र में बदायूं जिले की विधानसभा क्षेत्र गुन्नौर और बिसौली भी शामिल हुआ करती थीं। संभल लोकसभा क्षेत्र से 1998 में मुलायम सिंह ने पहली बार चुनाव लड़ा और वह जीते थे। मुलायम सिंह यादव उस समय रक्षामंत्री थे। उनका मुकाबला भाजपा के प्रत्याशी बाहुबली डीपी यादव से था। डीपी यादव के पक्ष में चुनाव प्रचार के लिए उस समय के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह हसनपुर तहसील के गांव रहरा में आए थे। यह इलाका भी उस समय संभल लोकसभा क्षेत्र का ही हिस्सा था। मुख्यमंत्री की सभा के बाद डीपी यादव का चुनावी किला इतना मजबूत हुआ कि मुलायम सिंह का चुनाव कमजोर नजर आने लगा था। मुलायम सिंह जवानी में पहलवान थे और उन्होंने राजनीति में भी अपने दांव पेंच खूब आजमाए। एक दांव 1998 में लोकसभा चुनाव के मतदान से एक दिन पहले चला। बसपा सुप्रिमो मायावती को अपने विश्वास में लेते हुए कल्याण सिंह सरकार से समर्थन वापस लेने की रणनीति तैयार की थी।
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