जारी रहेगी विभागीय जांच,तीन अधिकारी अब भी हैं निलंबित लखनऊ। कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड के बाद निलंबित किए गए यूपी शासन ने रविवार को दो आईपीएस अधिकारियों को बहाल कर दिया है। बहाल डीआईजी अनंत देव और गाजियाबाद एसएसपी पद से निलंबित किए गए पवन कुमार का वेटिंग लिस्ट में डाले गए है। दोनों अधिकारियों की विभागीय जांच जारी रहेगी। अनंत देव लंबे समय तक कानपुर नगर के एसएसपी थे। डीआईजी बनने के बाद उन्हें कानपुर नगर से हटाकर एसटीएफ में तैनाती दी गई थी, लेकिन अनंत देव के हटने के कुछ ही दिन बाद कानपुर नगर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में बदमाश विकास दुबे और उसके गुर्गों ने दबिश देने गए पुलिसकर्मियों पर हमला कर दिया था, जिसमें 8 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई थी।इस घटना के बाद आरोप अनंत देव पर लगे जिसके बाद पीएसी सेक्टर मुरादाबाद स्थानांतरित कर दिया गया। बिकरू कांड की जांच के लिए एसआईटी भी गठित की गई थी, जिसकी रिपोर्ट के आधार पर अनंत देव को 12 नवंबर 2020 को निलंबित कर दिया गया था। अब लगभग दो वर्ष बाद उनकी बहाली की गई है।इसके अलावा गाजियाबाद से काम में लापरवाही के आरोप में निलंबित किए गए पवन कुमार को भी बहाल कर दिया गया है। पवन को उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव के फौरन बाद 31 मार्च को निलंबित कर दिया गया था। छह माह बाद उन्हें भी बहाल कर दिया गया है। अनंत देव और पवन कुमार की बहाली के बाद तीन अधिकारी अब भी ऐसे हैं जो निलंबित हैं। इसमें 14 फरवरी 2019 को निलंबित किए गए एडीजी जसवीर सिंह, महोबा में एसपी के बाद से भ्रष्टाचार के आरोप में 9 सितंबर 2020 को निलंबित किए गए मणिलाल पाटीदार और बिना छुट्टी स्वीकृत हुए विदेश जाने के आरोप में 27 अप्रैल को निलंबित की गईं अलंकृता सिंह का नाम शामिल हैं। अनंत देव और पवन कुमार दोनों को बहाल करने के बाद प्रतीक्षा सूची में डाल दिया गया है। मौजूदा समय में पांच ऐसे अधिकारी हैं जो प्रतीक्षारत हैं। इन दो अधिकारियों के आलावा 01 अगस्त को लखनऊ पुलिस आयुक्त के पद से हटाए गए डीके ठाकुर , कानपुर पुलिस आयुक्त के पद से हटाए गए विजय सिंह मीणा और 7 सितंबर को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस आए अजय मिश्रा का नाम शामिल है।